नई दिल्ली:
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने एक अहम फैसले में मॉडरेशन नीति को खत्म करने की घोषणा की. इसके तहत छात्रों को मुश्किल सवालों के लिए ग्रेस अंक दिए जाते रहे हैं. उच्च स्तरीय बैठक के दौरान यह फैसला किया गया.
मॉडरेशन नीति के अनुसार परीक्षार्थियों को खास प्रश्नपत्र में सवालों के कठिन प्रतीत होने पर 15 प्रतिशत अतिरिक्त अंक दिए जाते थे. हालांकि अगर कोई छात्र कुछ नंबर से परीक्षा पास करने से रह जाता है तो ऐसे में ग्रेस अंक देकर पास करने का प्रावधान जारी रहेगा.
क्यों खत्म की गई मॉडरेशन पॉलिसी
स्टूडेंट्स को मॉडरेशन पॉलिसी की वजह से लगभग 8 से 10 अंक तक अधिक मिलते थे, जिसकी वजह से 95 फीसदी और इससे अधिक अंक स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ गई थी. कॉलेज एडमिशन में बढ़ते कॉम्पिटीशन और 95 फीसदी से अधिक नंबर स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस तरह का फैसला लिया गया. पिछले साल दिसंबर में इस बारे में सीबीएसई ने एमएचआरडी को रिक्वेस्ट की थी कि मॉडरेशन पॉलिसी को खत्म किया जाए.
क्या है मॉडरेशन पॉलिसी
इस पॉलिसी के तहत जब बारहवीं में पेपर कठिन आता है तो स्टूडेंट्स आपत्ति जताते हैं, और उन्हें ऐसे सवालों के पूरे अंक दिए जाते हैं. यह फुल मार्क्स उन स्टूडेंट्स को दिए जाते हैं, जिन्होंने कॉपी में सवाल को थोड़ा भी हल करने की कोशिश की थी. पेपर में प्रश्न गलत आने पर भी मॉडरेशन पॉलिसी को फॉलो किया जाता है. इसके तहत उस सवाल के पूरे अंक दिए जाते हैं. (एजेंसियों से इनपुट)
मॉडरेशन नीति के अनुसार परीक्षार्थियों को खास प्रश्नपत्र में सवालों के कठिन प्रतीत होने पर 15 प्रतिशत अतिरिक्त अंक दिए जाते थे. हालांकि अगर कोई छात्र कुछ नंबर से परीक्षा पास करने से रह जाता है तो ऐसे में ग्रेस अंक देकर पास करने का प्रावधान जारी रहेगा.
क्यों खत्म की गई मॉडरेशन पॉलिसी
स्टूडेंट्स को मॉडरेशन पॉलिसी की वजह से लगभग 8 से 10 अंक तक अधिक मिलते थे, जिसकी वजह से 95 फीसदी और इससे अधिक अंक स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ गई थी. कॉलेज एडमिशन में बढ़ते कॉम्पिटीशन और 95 फीसदी से अधिक नंबर स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस तरह का फैसला लिया गया. पिछले साल दिसंबर में इस बारे में सीबीएसई ने एमएचआरडी को रिक्वेस्ट की थी कि मॉडरेशन पॉलिसी को खत्म किया जाए.
क्या है मॉडरेशन पॉलिसी
इस पॉलिसी के तहत जब बारहवीं में पेपर कठिन आता है तो स्टूडेंट्स आपत्ति जताते हैं, और उन्हें ऐसे सवालों के पूरे अंक दिए जाते हैं. यह फुल मार्क्स उन स्टूडेंट्स को दिए जाते हैं, जिन्होंने कॉपी में सवाल को थोड़ा भी हल करने की कोशिश की थी. पेपर में प्रश्न गलत आने पर भी मॉडरेशन पॉलिसी को फॉलो किया जाता है. इसके तहत उस सवाल के पूरे अंक दिए जाते हैं. (एजेंसियों से इनपुट)
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