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This Article is From Jun 26, 2017

CBSE NEET 2017: खराब रैंक वाले छात्रों के लिए MBBS के अलावा 5 अन्य ऑप्शन

ऐसे छात्र जो ईयर ड्रॉप नहीं करना चाहते और मेडिकल व बायोलॉजिकल साइंसेज से संबंधित कोर्स ही करना चाहते हैं उनके लिए कई विकल्प हैं.

CBSE NEET 2017:  खराब रैंक वाले छात्रों के लिए MBBS के अलावा 5 अन्य ऑप्शन
सीबीएसई ने 23 जून को (राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा) नीट का परिणाम घोषित किया था. देश में करीब 65 हजार एमबीबीएस और 25 हजार बीडीएस सीटों पर दाखिले के लिए आयोजित हुए इस नीट एग्जाम में छह लाख से ज्यादा विद्यार्थियों ने क्वालिफाई किया है. काउंसलिंग और सीट अलॉटमेंट उम्मीदवारों की रैंक के आधार पर तय होंगे. जिन विद्यार्थियों की रैंक अच्छी आई है, उन्हें तो अपने पसंदीदा कॉलेज में एडमिशन मिल जाएगा. लेकिन जिनकी खराब रैंक खराब आई है वह मायूस होंगे. पर ये वक्त चिंता करने का नहीं बल्कि अपने करियर को लेकर फैसला करने का है. आपको चाहिए कि अपने प्रदर्शन को आंकें और राह चुनें. 

विद्यार्थियों के पास एक ऑप्शन तो यह है कि वह फिर से साल भर तैयारी करें. यानी नीट 2018 के लिए ईयर ड्रॉप करें. लेकिन ध्यान रखें सीबीएसई ने अब नीट एग्जाम के प्रयासों की संख्या तीन तक सीमित कर दी है. लेकिन ऐसे छात्र जो ईयर ड्रॉप नहीं करना चाहते और मेडिकल व बायोलॉजिकल साइंसेज में ही कोर्स करना चाहते हैं, वह नीचे दिए गए ऑप्शन को अपने करियर की राह बना सकते हैं - 

एमबीबीएस के अलावा और भी कई ऑप्शन 
1. बीएएमएस/बीएचएमएस:
बैचलर इन आयुर्वेदिक साइंस/बैचलर इन होमियोपैथिक साइंस कुछ अन्य वैकल्पिक मेडिसिन कोर्स हैं. यह कोर्स संचालित करने वाले अधिकांश संस्थान प्रवेश परीक्षा के जरिए एडमिशन लेते हैं. 

2. बीएससी बायोटेक्नोलॉजी: मेडिसिन, एफएमसीजी, रिसर्च के क्षेत्र में अवसर बढ़ने के बाद बायोटेक्नोलॉजी कोर्स की डिमांड भी काफी बढ़ गई है. मेरिट और एंट्रेंस टेस्ट दोनों तरह से बीएससी बायोटेक्नोलॉजी में एडमिशन लिया जा सकता है. 

3. बीएससी इन न्यूट्रिशन व डाइटेटिक्स: मेडिकल में करियर बनाना जा रहे स्टूडेंट्स के लिए यह भी अच्छा विकल्प है. कई यूनिवर्सिटीज में यह कोर्स उपलब्ध है.  

4. बीएससी इन बायोलॉजिकल साइंस: इस कोर्स में एडिमशन के लिए 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी पढ़ा होना जरूरी है. बहुत सी जगहों पर इनमें 55 प्रतिशत अंक मांगे जाते हैं. 

5. बीएससी इन फॉरेंसिक साइंस: फॉरेंसिक साइंस का इस्तेमाल क्रिमिनल की खोज करने के लिए किया जाता है. क्राइम सीन इन्वेस्टिगेशन, फॉरेंसिक पथॉलजी/ मेडिसिन, फॉरेंसिक एंथ्रोपॉलोजी, फॉरेंसिक साइकॉलजी जैसे यहां कई अवसर हैं. 
इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनॉलजी ऐंड फॉरेंसिक साइंस, नई दिल्ली, गुरु गोविन्द सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली, सेंट्रल फॉरेंसिक लैबरेट्री, कोलकाता, डॉ. भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी,आगरा, पंजाब यूनिवर्सिटी, पटियाला, लखनऊ विश्वविद्यालय में यह कोर्स ऑफर किया जाता है. 

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