नई दिल्ली:
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानि सीबीएसई ने 10वीं क्लास के नतीजे घोषित कर दिए हैं. बोर्ड ने कुछ घंटों के अंतर में सिर्फ 10 रीजन के नतीजे जारी कर दिए. बोर्ड ने दोपहर एक बजे दिल्ली, इलाहाबाद, त्रिवेंद्रम, देहरादून और चेन्नई रीजन का रिजल्ट जारी किया. इसके कुछ घंटों बाद अजमेर, पटना, पंचकूला, गुवाहाटी और भुवनेश्वर क्षेत्रों के परीक्षा परिणाम जारी कर दिए गए. इस साल सीबीएसई के 10वीं में पास होने वाले छात्रों का प्रतिशत 90.95 फीसदी रहा है, जबकि साल 2016 में यह आंकड़ा 96.21 फीसदी था. पासिंग परसेंटेज के मामले में त्रिवेंद्रम पहले स्थान पर है. दूसरे पर चेन्नई और तीसरे पर इलाहाबाद रीजन है. दिल्ली चौथे स्थान पर है.
रिजल्ट का सबसे खराब आकड़ा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का रहा है. जहां रिजल्ट के प्रतिशत में करीब 13 फीसदी की गिरावट आई है. पिछले साल दिल्ली में पास होने वाले स्टूडेंट्स का प्रतिशत 91.06 था, जो इस साल 78.09 प्रतिशत हो गया है.त्रिवेंद्रम का रिजल्ट शानदार रहा है. यहां 99.85 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं. चेन्नई और इलाहाबाद के परीक्षा परिणाम भी बेहतर रहे हैं. चेन्नई में 99.62 और इलाहाबाद में 98.23 छात्र पास हुए हैं.
ऐसे गिरा दिल्ली का पास प्रतिशत
सीबीएसई अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली ने 78.09 फीसदी पास प्रतिशत दर्ज किया जबकि पिछले साल यह 91.06 फीसदी थी. यानी 13.67 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी. पिछले कुछ सालों से पास प्रतिशत लगातार गिर रहा है. 2013 में पास प्रतिशत 98.40 था जो पिछले साल लुढ़ककर 91.76 फीसदी पहुंच गया. यह इस साल और गिरकर 78.09 प्रतिशत हो गया. राष्ट्रीय स्तर पर भी दसवीं का पास प्रतिशत 2014 से ही गिर रहा है. इस साल परीक्षा में शामिल हुये करीब 90.95 फीसदी पास हुये. यह 2014 के पास प्रतिशत 98.87 और पिछले साल के 96.21 फीसदी से थोड़ा नीचे है.
यह भी पढ़ें : CBSE Class 10 Board Results 2017: बोर्ड ने जारी किए 10वीं के नतीजे, यहां देखें
रीजन के हिसाब से ऐसा रहा रिजल्ट
दिल्ली - 78.09
पटना - 95.50
इलाहाबाद - 98.23
देहरादून - 93.27
अजमेर - 93.30
त्रिवेंद्रम - 99.85
मद्रास - 99.62
चेन्नई - 99.62
भुवनेश्वर - 92.15
चंडीगढ़ - 94.34
गोवाहटी - 65.53
12वीं का रिजल्ट एक फीसदी रहा था कम
इस बार 10वीं की परीक्षा में 16,67,573 छात्र विद्यार्थी शामिल हुए थे. बता दें कि इससे पहले बोर्ड 28 मई को 12वीं के नतीजे जारी कर चुका है. जिनमें कुल 82 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए. यह रिजल्ट पिछले साल से एक फीसदी कम रहा. 2016 में 83 प्रतिशत स्टूडेंट्स पास हुए थे. इस साल 10091 बच्चों ने 95 से 100 फीसदी के बीच अंक हासिल किए हैं, जबकि पिछली बार ये आंकड़ा 9351 था.
मॉडरेशन पॉलिसी के आधार पर रिजल्ट
कॉलेजों में साल दर साल ऊंची होती जा रही कट ऑफ को रोकने के लिए सीबीएसई ने मॉडरेशन पॉलिसी को रद्द कर दिया था. इस पॉलिसी में पेपर के मुश्किल सवालों के लिए छात्र को ग्रेस नंबर दिए जाते थे. लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद बोर्ड ने बदलाव को अगले साल से लागू करने का निर्णय लिया है.
रिजल्ट का सबसे खराब आकड़ा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का रहा है. जहां रिजल्ट के प्रतिशत में करीब 13 फीसदी की गिरावट आई है. पिछले साल दिल्ली में पास होने वाले स्टूडेंट्स का प्रतिशत 91.06 था, जो इस साल 78.09 प्रतिशत हो गया है.त्रिवेंद्रम का रिजल्ट शानदार रहा है. यहां 99.85 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं. चेन्नई और इलाहाबाद के परीक्षा परिणाम भी बेहतर रहे हैं. चेन्नई में 99.62 और इलाहाबाद में 98.23 छात्र पास हुए हैं.
ऐसे गिरा दिल्ली का पास प्रतिशत
सीबीएसई अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली ने 78.09 फीसदी पास प्रतिशत दर्ज किया जबकि पिछले साल यह 91.06 फीसदी थी. यानी 13.67 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी. पिछले कुछ सालों से पास प्रतिशत लगातार गिर रहा है. 2013 में पास प्रतिशत 98.40 था जो पिछले साल लुढ़ककर 91.76 फीसदी पहुंच गया. यह इस साल और गिरकर 78.09 प्रतिशत हो गया. राष्ट्रीय स्तर पर भी दसवीं का पास प्रतिशत 2014 से ही गिर रहा है. इस साल परीक्षा में शामिल हुये करीब 90.95 फीसदी पास हुये. यह 2014 के पास प्रतिशत 98.87 और पिछले साल के 96.21 फीसदी से थोड़ा नीचे है.
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रीजन के हिसाब से ऐसा रहा रिजल्ट
दिल्ली - 78.09
पटना - 95.50
इलाहाबाद - 98.23
देहरादून - 93.27
अजमेर - 93.30
त्रिवेंद्रम - 99.85
मद्रास - 99.62
चेन्नई - 99.62
भुवनेश्वर - 92.15
चंडीगढ़ - 94.34
गोवाहटी - 65.53
12वीं का रिजल्ट एक फीसदी रहा था कम
इस बार 10वीं की परीक्षा में 16,67,573 छात्र विद्यार्थी शामिल हुए थे. बता दें कि इससे पहले बोर्ड 28 मई को 12वीं के नतीजे जारी कर चुका है. जिनमें कुल 82 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए. यह रिजल्ट पिछले साल से एक फीसदी कम रहा. 2016 में 83 प्रतिशत स्टूडेंट्स पास हुए थे. इस साल 10091 बच्चों ने 95 से 100 फीसदी के बीच अंक हासिल किए हैं, जबकि पिछली बार ये आंकड़ा 9351 था.
मॉडरेशन पॉलिसी के आधार पर रिजल्ट
कॉलेजों में साल दर साल ऊंची होती जा रही कट ऑफ को रोकने के लिए सीबीएसई ने मॉडरेशन पॉलिसी को रद्द कर दिया था. इस पॉलिसी में पेपर के मुश्किल सवालों के लिए छात्र को ग्रेस नंबर दिए जाते थे. लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद बोर्ड ने बदलाव को अगले साल से लागू करने का निर्णय लिया है.
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