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This Article is From Apr 07, 2020

CBSE Board Exam 2020: पहले दंगे और अब कोरोना, उत्तर पूर्वी दिल्‍ली के बोर्ड स्‍टूडेंट्स का खत्‍म नहीं हो रहा इंतजार

CBSE Exams: उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगा प्रभावित क्षेत्र की रहने वाली रानी कुमारी ने बताया कि उस दौरान हमेशा यह डर लगा रहता था कि पता नहीं कब दरवाजे पर कोई खट-खट हो और वह बुरी खबर की तरह आए, लेकिन हिम्मत थी कि "यह वक्त भी गुजर जाएगा."

CBSE Board Exam 2020: पहले दंगे और अब कोरोना, उत्तर पूर्वी दिल्‍ली के बोर्ड स्‍टूडेंट्स का खत्‍म नहीं हो रहा इंतजार
CBSEBoard Exams: बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद छात्रों को परीक्षा के 10 दिन पहले सूचना दी जाएगी.
नई दिल्ली:

उत्तर पूर्वी दिल्ली के जिन छात्रों की CBSE की 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा पहले दंगों और फिर बाद में कोविड-19 (COVID-19) के प्रकोप की वजह से टल गई थी, उनके लिए परीक्षा का इंतजार 'धीरज का इम्तिहान' बन गया है.

उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगा प्रभावित क्षेत्र की रहने वाली रानी कुमारी ने बताया कि सीएए को लेकर हुई हिंसा के दौरान हमेशा यह डर लगा रहता था कि पता नहीं कब दरवाजे पर कोई खट-खट हो और वह बुरी खबर की तरह आए, लेकिन हिम्मत थी कि "यह वक्त भी गुजर जाएगा."

मौजपुर की रहने वाली रानी ने बताया, "लेकिन अब यह अंतहीन प्रतीक्षा में बदल गया है. अब तो मेरा पढ़ने का भी मन नहीं करता. पहले लगा था कि यह वक्त भी गुजर जाएगा. आखिर कोई एक ही चीज को कितनी बार पढ़ सकता है? अब तो शायद परीक्षा की तारीख आने के बाद ही मैं पढ़ाई करुंगी."

वहीं, चांदबाग के रहने वाले रवि ने बताया, "बचपन से हमें समझाया गया कि बोर्ड परीक्षा बहुत जरूरी है और दो साल पहले से ही उसकी तैयारी में जुटना पड़ता है. लेकिन अब सबकुछ बेमानी लगता है, कोई उत्साह नहीं बचा है. अब तो बोर्ड परीक्षा से ज्यादा धीरज की परीक्षा हो रही है."

उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के ही गोकलपुरी के रहने वाले गगनदीप सिंह ने बताया, "मुझे लगता है कि जिंदगीभर याद रहेगा कि 10वीं की परीक्षा के दौरान मैं कितना परेशान रहा था. परीक्षा और उसमें अच्छे अंक लाने का तनाव तो अब बेकार की बात लगती है, खास कर तब जब हम दंगों और वैश्विक महामारी का सामना कर रहे हैं."

फरवरी में उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में दंगे भड़क गए. इस हिंसा में 53 लोगों की मौत हुई, 200 से ज्यादा लोग जख्मी हुए और संपत्ति का बेतहाशा नुकसान हुआ. इस हिंसा ने सबसे ज्यादा जाफराबाद, मौजपुर, चांदबाग, खुरेजी खास और भजनपुरा इलाके को प्रभावित किया.

हिंसा के कारण सीबीएसई ने क्षेत्र के 80 से ज्यादा परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षाएं 29 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी थीं.

हालांकि, बाकी परीक्षाएं दो मार्च से हुईं, क्योंकि बोर्ड अधिकारियों का मानना था कि देरी से छात्रों को कॉलेजों में दाखिला लेने में दिक्कत आएगी.

बोर्ड ने नए सिरे से परीक्षा की तारीख बतायी जिसके तहत 12वीं की परीक्षा 31 मार्च से 14 अप्रैल तक जबकि 10वीं की परीक्षा 21 से 30 मार्च तक होनी थी.

लेकिन, कोरोना वायरस संक्रमण फैलने को देखते हुए 24 मार्च की मध्यरात्रि से देश में 21 दिन का लॉकडाउन लागू हो गया.

अब बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद छात्रों को परीक्षा के 10 दिन पहले सूचना दी जाएगी.

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण से मंगलवार तक 114 लोगों की मौत हुई है जबकि 4,421 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.

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