नई दिल्ली:
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की कक्षा 12वीं के सब्जेक्ट बायोलॉजी का पेपर हो चुका है. इसके क्वेश्चन पेपर को लेकर छात्रों और टीचर्स से मिलीजुली प्रतिक्रिया मिल रही है. 10वीं और 12वीं की सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा मार्च के महीने में शुरू हुई थी. दिल्ली कैन्ट के आर्मी पब्लिक स्कूल की पीजीटी जीवविज्ञान की टीचर श्रीमती अनीता चंदेल की मानें तो यह पेपर ‘सीधे पूछे गए सवालों का एक बेहद अच्छा मिक्सचर’ था. उनका कहना है कि जिन छात्रों से अपनी एनसीईआरटी की किताबों का अच्छे से अध्ययन किया है वह अच्छे अंक हासिल कर सकते हैं. आईए जानते हैं इस पेपर को लेकर क्या कहना है अनीता चंदेल का.
औसत छात्रों के लिए यह प्रश्न प्रत्र कितना कठिन था?
यह सीधे पूछे गए सवालों का बेहद अच्छा मिश्रण था. औसत दर्जे के छात्र इस पेपर में ठीक-ठाक अंक हासिल कर सकते हैं. हालंकि इसके कुछ भाग थोड़े भ्रमित करने वाले थे. वहीं कुछ छात्रों को ये पेपर काफी लंबा लगा.
इस प्रश्न पत्र में क्या कमियां थीं?
हैरानी की बात है कि प्रश्न पत्र में कोई भी सवाल डायग्राम का नहीं था, जो कि जीवविज्ञान का सार है. ईवोलूशन के अध्याय से कुछ अस्पष्ट प्रश्न पूछे गए थे. लगातर तीसरे साल ‘ऐज पिरामिड’ पर 5 मार्क्स का सवाल पूछा गया था.
प्रश्नों के बारे में सबसे अच्छी बात क्या थी?
जिन छात्रों ने निर्देशों का पालन किया था और अच्छे से पड़ाई की थी, NCERT की टेक्स्टबुक की हर लाइन को ध्यान से पढ़ा था, उन छात्रों को यह पेपर बेहद आसान लगा.
पेपर में कितने सवालों की उम्मीद थी?
बोर्ड एग्जाम होने के नाते इसमें कुछ भी एक्सपेक्ट करना सही नहीं होगा. हालांकि अधिकतर सवाल उम्मीद के अनुसार ही पूछे गए थे.
क्वेश्चन पेपर कैसा था?
पेपर काफी संतुलित था, एक औसत छात्रों के लिए पेपर की कठिनाई का स्तर भी औसत था. पेपर ने इस मूल विचार को मजबूत किया है कि टेक्स्ट बुक की हर पंक्ति का अध्ययन करना चाहिए. प्रश्न पत्र का वेल्यू आधारित भाग काफी अलग था, जिसके लिए छात्रों की महत्वपूर्ण और तार्किक सोच की आवश्यकता थी. यह ज्ञान, समझ, विश्लेषण और आवेदन का सही मिश्रण था, लेकिन सभी छात्र इस पेपर में अच्छे अंक नहीं ला पाएंगे क्योंकि पेपर का कुछ भाग थोड़ा कठिन था.
औसत छात्रों के लिए यह प्रश्न प्रत्र कितना कठिन था?
यह सीधे पूछे गए सवालों का बेहद अच्छा मिश्रण था. औसत दर्जे के छात्र इस पेपर में ठीक-ठाक अंक हासिल कर सकते हैं. हालंकि इसके कुछ भाग थोड़े भ्रमित करने वाले थे. वहीं कुछ छात्रों को ये पेपर काफी लंबा लगा.
इस प्रश्न पत्र में क्या कमियां थीं?
हैरानी की बात है कि प्रश्न पत्र में कोई भी सवाल डायग्राम का नहीं था, जो कि जीवविज्ञान का सार है. ईवोलूशन के अध्याय से कुछ अस्पष्ट प्रश्न पूछे गए थे. लगातर तीसरे साल ‘ऐज पिरामिड’ पर 5 मार्क्स का सवाल पूछा गया था.
प्रश्नों के बारे में सबसे अच्छी बात क्या थी?
जिन छात्रों ने निर्देशों का पालन किया था और अच्छे से पड़ाई की थी, NCERT की टेक्स्टबुक की हर लाइन को ध्यान से पढ़ा था, उन छात्रों को यह पेपर बेहद आसान लगा.
पेपर में कितने सवालों की उम्मीद थी?
बोर्ड एग्जाम होने के नाते इसमें कुछ भी एक्सपेक्ट करना सही नहीं होगा. हालांकि अधिकतर सवाल उम्मीद के अनुसार ही पूछे गए थे.
क्वेश्चन पेपर कैसा था?
पेपर काफी संतुलित था, एक औसत छात्रों के लिए पेपर की कठिनाई का स्तर भी औसत था. पेपर ने इस मूल विचार को मजबूत किया है कि टेक्स्ट बुक की हर पंक्ति का अध्ययन करना चाहिए. प्रश्न पत्र का वेल्यू आधारित भाग काफी अलग था, जिसके लिए छात्रों की महत्वपूर्ण और तार्किक सोच की आवश्यकता थी. यह ज्ञान, समझ, विश्लेषण और आवेदन का सही मिश्रण था, लेकिन सभी छात्र इस पेपर में अच्छे अंक नहीं ला पाएंगे क्योंकि पेपर का कुछ भाग थोड़ा कठिन था.
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