इस बार ब्रिक्स सम्मेलन की मेजबानी दक्षिण अफ्रीका कर रहा है.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन अफ्रीकी देशों के दौरे पर हैं. पीएम मोदी सोमवार को रवांडा पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागमे के साथ विस्तृत बातचीत की और व्यापार एवं कृषि के क्षेत्र में सहयोग मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की. मोदी रवांडा को 200 गाय दान में देंगे. मोदी रवांडा के बाद अब युगांडा पहुंचेंगे और फिर वहां से दक्षिण अफ्रीका जाएंगे. पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में होने वाले BRICS सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. ब्रिक्स सम्मेलन 25 जुलाई को होगा. इस बार ब्रिक्स सम्मेलन की मेजबानी दक्षिण अफ्रीका कर रहा है. ब्रिक्स की इस 10वीं बैठक में ब्रिक्स देशों के बीच कई बड़े मुद्दों पर चर्चा होगी.
ब्रिक्स का इतिहास
BRICS दुनिया की पांच उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है. इसमें B- ब्राजील, R- रूस, I- इंडिया, C- चीन और S- साउथ अफ्रीका है. जुलाई, 2006 में G-8 आउटरीच शिखर सम्मेलन के मौके पर रूस, भारत, चीन के नेताओं की बैठक में इस ग्रुप को बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई. जिसके बाद पहले ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन रूस के येकाटेरींबर्ग में 16 जून 2009 को हुआ था.
रवांडा पहुंचे पीएम मोदी, 20 करोड़ डॉलर कर्ज की पेशकश और दूतावास खोलने की घोषणा
BRICS पहले BRIC के नाम से जाना जाता था. तब इस समूह में ब्राजील, रूस, भारत और चीन शामिल था. 2011 में साउथ अफ्रीका के जुड़ने के साथ ही इसका नाम BRICS हो गया. ब्रिक्स सम्मेलन हर साल किसी सदस्य देश की मेज़बानी में होता है. भारत साल 2012 और साल 2016 में दो बार इस समिट की मेज़बानी कर चुका है.
ब्रिक्स की स्थापना का उद्देश्य
ब्रिक्स की स्थापना का मुख्य उद्देशय अपने सदस्य देशों की सहायता करना है. ये देश एक दूसरे के विकास के लिए वित्तीय , तकनीक और व्यापार के क्षेत्र में एक दूसरे की सहायता करते हैं. ब्रिक्स देशों के पास खुद का एक बैंक भी है. इस बैंक का नाम New Development Bank है. इसका कार्य सदस्यों देशों और अन्य देशों को कर्ज के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करना है.
जानिए जंतर मंतर के इतिहास के बारे में सबकुछ
GDP का 30 फीसदी हिस्सा ब्रिक्स देशों के पास
ब्रिक्स देशों के पास दुनिया की जीडीपी का 30 फीसदी हिस्सा है. इतना ही नहीं दुनिया का 18 फीसदी व्यापार यही देश करते हैं. बता दें कि दुनिया की 50 फीसदी आबादी भी ब्रिक्स देशों में बस्ती है.
ब्रिक्स का इतिहास
BRICS दुनिया की पांच उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है. इसमें B- ब्राजील, R- रूस, I- इंडिया, C- चीन और S- साउथ अफ्रीका है. जुलाई, 2006 में G-8 आउटरीच शिखर सम्मेलन के मौके पर रूस, भारत, चीन के नेताओं की बैठक में इस ग्रुप को बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई. जिसके बाद पहले ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन रूस के येकाटेरींबर्ग में 16 जून 2009 को हुआ था.
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BRICS पहले BRIC के नाम से जाना जाता था. तब इस समूह में ब्राजील, रूस, भारत और चीन शामिल था. 2011 में साउथ अफ्रीका के जुड़ने के साथ ही इसका नाम BRICS हो गया. ब्रिक्स सम्मेलन हर साल किसी सदस्य देश की मेज़बानी में होता है. भारत साल 2012 और साल 2016 में दो बार इस समिट की मेज़बानी कर चुका है.
ब्रिक्स की स्थापना का उद्देश्य
ब्रिक्स की स्थापना का मुख्य उद्देशय अपने सदस्य देशों की सहायता करना है. ये देश एक दूसरे के विकास के लिए वित्तीय , तकनीक और व्यापार के क्षेत्र में एक दूसरे की सहायता करते हैं. ब्रिक्स देशों के पास खुद का एक बैंक भी है. इस बैंक का नाम New Development Bank है. इसका कार्य सदस्यों देशों और अन्य देशों को कर्ज के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करना है.
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GDP का 30 फीसदी हिस्सा ब्रिक्स देशों के पास
ब्रिक्स देशों के पास दुनिया की जीडीपी का 30 फीसदी हिस्सा है. इतना ही नहीं दुनिया का 18 फीसदी व्यापार यही देश करते हैं. बता दें कि दुनिया की 50 फीसदी आबादी भी ब्रिक्स देशों में बस्ती है.
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