
Phanishwar Nath Renu ki kavitayen: एक महान कवि लेखक फणीश्वर नाथ मंडल 'रेणु' की पुण्यतिथि 11 अप्रैल को है. प्रेमचंद के बाद के युग में आधुनिक हिंदी साहित्य के सबसे सफल और प्रभावशाली लेखकों में से एक थे. उनकी कई रचनाएं हैं, जिसे साहित्य की दुनिया में खूब सराहा गया. फणीश्वर नाथ मंडल 'रेणु' की रचना वे मैला आंचल के लेखक हैं, जिसे प्रेमचंद के गोदान के बाद सबसे महत्वपूर्ण हिंदी उपन्यास माना जाता है. पढ़िए फणीश्वर नाथ मंडल 'रेणु' की दिल छू लेने वाली कविताएं.
मुझे तुम मिले!
मृतक-प्राण में शक्ति-संचार कर;
निरंतर रहे पूज्य, चैतन्य भर!
पराधीनता—पाप-पंकिल धुले!
मुझे तुम मिले!
रहा सूर्य स्वातंत्र्य का हो उदय!
हुआ कर्मपथ पूर्ण आलोकमय!
युगों के घुले आज बंधन खुले!
मुझे तुम मिले!
कौन तुम वीणा बजाते?
कौन तुम वीणा बजाते?
कौन उर की तंत्रियों पर
तुम अनश्वर गान गाते?...
सुन रहा है यह मन अचंचल
प्रिय तुम्हारा स्वर मनोहर
विश्वमोहन रागिनी से
प्राणदायक द्रव रहा झर
ध्यान हो तन्मय बनाते
सकल मन के दु:ख नसाते
कौन तुम विष-वासना को
प्रेममय अमृत पिलाते?
कौन तुम वीणा बजाते?
बन गए वरदान—
जीवन के सकल अभिशाप तुझको!
आत्म-कल्याणी बने दु:ख,—
वेदना, परिताप मुझको!
तुम ‘अहं' को हो बुलाते
‘द्वैत' जीवन का मिटाते
कौन तुम अमरत्व का
संदेश हो प्रतिपल सुनाते!
कौन तुम वीणा बजाते?
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