देश के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में जेईई मेन के जरिए दाखिले पर विचार

देश के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में जेईई मेन के जरिए दाखिले पर विचार

प्रतीकात्मक तस्वीर

मेडिकल के बाद अब इंजीनियरिंग कॉलेजों में भी दाखिले की प्रक्रिया अब एक ही परीक्षा के आधार पर करने की तैयारी शुरू हो गई है।ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ज्वॉइंट इंट्रेंस इग्जाम (जेईई) को बी-टेक कोर्स में दाखिले के लिए अनिवार्य करने पर विचार कर रहा है।

जेईई-मेन को सिंगल इंट्रेस टेस्ट बनाने पर विचार क्यों? 
एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में एआईसीटीई चेयरमैन अनिल डी सहस्रबुद्धे ने कहा, 'हम जेईई-मेन को इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए सिंगल इंट्रेस टेस्ट बनाना चाहते हैं।' उन्होंने कहा, 'जेईई-मेन सीबीएसई सिलेबस पर आधारित है। लेकिन सभी राज्य अलग-अलग सिलेबस के आधार पर परीक्षा लेते हैं। इसलिए हम कॉमन सिलेबस के आधार पर टेस्ट और एडमिश्न की तैयारी कर रहे हैं। 

कहां होता है जेईई के आधार पर दाखिला?
फिलहाल, सेट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की ओर ली जाने वाली जेईई-मेन्स की परीक्षा के आधार पर आईआईटी, आईआईआईटी, एनआईटी, और केंद्र पोषित इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिले होते हैं।


गौरतलब है कि मेडिकल एडमिश्न की तरह इंजिनियरिंग कोर्सेज में दाखिले के लिए भी छात्रों को एक से ज्यादा प्रवेश परीक्षा देनी पड़ती है। कर्नाटक में छात्रों को जेईई के अलावा कॉमेड-के, सीईटी भी देनी होती है।
 


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