नई दिल्ली:
सरकार ने स्वीकार किया कि कालेज से उत्तीर्ण होने के बाद मात्र 40 प्रतिशत इंजीनियरिंग स्नातकों को ही रोजगार मिल पाता है. मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में पूरक प्रश्नों के उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस घुंधली तस्वीर को बेहतर करने के लिए एआईसीटीई ने 75 प्रतिशत छात्रों के लिए ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप तथा अद्यतन आदर्श पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय किया है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने अगले पांच वर्ष में कम से कम 60 प्रतिशत इंजीनियरिंग छात्रों को रोजगार योग्य बनाने का लक्ष्य बनाया है. प्रश्नकाल में पूरक सवाल पूछते हुए विभिन्न सदस्यों ने इंजीनियरिंग एवं शिक्षक प्रशिक्षण कालेजों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर चिंता जतायी.
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के एक ताजा अध्ययन के अनुसार केवल 40 प्रतिशत इंजीनियरिंग छात्र ही रोजगार के योग्य हैं.
जावड़ेकर ने कहा कि सरकार की योजना अगले पांच साल में इस आंकड़े को 40 से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करना है. उन्होंने कहा कि कम से कम 75 प्रतिशत छात्रों के लिए ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप के मकसद से एक योजना लागू की जा रही है ताकि छात्रों को उद्योग के लिए तैयार किया जा सके.
उन्होंने कहा कि पुराने पाठ्यक्रम की जगह एआईसीटीई ने अपनी वेबसाइट पर आदर्श पाठ्यक्रम डाल दिया है जिसे समय समय पर अद्यतन किया जाएगा.
न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट
उन्होंने कहा कि सरकार ने अगले पांच वर्ष में कम से कम 60 प्रतिशत इंजीनियरिंग छात्रों को रोजगार योग्य बनाने का लक्ष्य बनाया है. प्रश्नकाल में पूरक सवाल पूछते हुए विभिन्न सदस्यों ने इंजीनियरिंग एवं शिक्षक प्रशिक्षण कालेजों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर चिंता जतायी.
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के एक ताजा अध्ययन के अनुसार केवल 40 प्रतिशत इंजीनियरिंग छात्र ही रोजगार के योग्य हैं.
जावड़ेकर ने कहा कि सरकार की योजना अगले पांच साल में इस आंकड़े को 40 से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करना है. उन्होंने कहा कि कम से कम 75 प्रतिशत छात्रों के लिए ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप के मकसद से एक योजना लागू की जा रही है ताकि छात्रों को उद्योग के लिए तैयार किया जा सके.
उन्होंने कहा कि पुराने पाठ्यक्रम की जगह एआईसीटीई ने अपनी वेबसाइट पर आदर्श पाठ्यक्रम डाल दिया है जिसे समय समय पर अद्यतन किया जाएगा.
न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट
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