भारत-प्रशांत आर्थिक गलियारे (आइपेक) का स्वागत करते हुए ओबामा प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इससे आर्थिक संपर्क बेहतर होगा और दक्षिण एशियाई देशों के लिए बहुत अच्छा हो सकता है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों की सहायक मंत्री, निशा देसाई बिस्वाल ने कहा, ‘आइपेक के जरिए हम नए उर्जा संपर्क तैयार करने, व्यापार एवं परिवहन गलियारे खोलने, सीमाशुल्क और सीमा के आर-पार जाने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और दक्षिण एशियाई और इससे परे उद्यमियों तथा कंपनियों को जोड़ने में मदद कर रहे हैं.’
इंडिया फाउंडेशन द्वारा पिछले सप्ताह सिंगापुर में हिंद महासागर सम्मेलन 2016 में अपने भाषण में बिस्वाल ने कहा कि अमेरिका, हिंद महासागर क्षेत्र में बेहतर आर्थिक संपर्क का समर्थन करता है.
उन्होंने कहा, ‘हमें पता है कि बेहतर आर्थिक संपर्क से दक्षिण एशिया और पूरे भारत-प्रशांत क्षेत्र के देशों को कितना फायदा हो सकता है. इस क्षेत्र की सफलता में अमेरिका का भी फायदा है और ऐसा सिर्फ उपभोक्ता उत्पादों, वित्तीय सेवाओं, प्रौद्योगिकी, उर्जा या शिक्षा संबंधी कारोबार से जुड़े मुद्दों के कारण नहीं बल्कि इसलिए भी कि हमें पता है कि संपन्नता सुरक्षा और स्थिरता से जुड़ी है.’