देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह उतार-चढ़ाव का रुख रहने की सम्भावना है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती, कम्पनियों के मिले-जुले नतीजे और डेरीवेटिव खंड में मासिक निपटान इसकी प्रमुख वजहें हैं। अगले सप्ताह बुधवार को दशहरा के कारण कारोबार नहीं होगा।
अगले सप्ताह बाजार की नजर पूरी तरह दूसरी तिमाही के परिणाम पर टिकी रहेगी। विश्लेषकों की नजर अगले सप्ताह एलएंडटी, एचडीएफसी, बैंक ऑफ बड़ौदा, हीरो मोटोकॉर्प, स्टरलाइट इंडस्ट्रीज, ल्युपिन, महिंद्रा एंड महिंद्रा, कोटक महिंद्रा, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईसीआईसीआई बैंक, एनटीपीसी, गेल, पंजाब नेशनल बैंक जैसी दिग्गज कम्पनियां के परिणाम पर रहेंगी।
इसके साथ ही बाजार की नजर रिजर्व बैंक की 30 अक्टूबर को जारी होने वाली मौद्रिक समीक्षा नीति पर भी रहेगी। किंगफिशर एयरलाइंस का उड़ान लाइसेंस निलम्बित किया जाना भी एक कारक साबित हो सकता है।
उधर, वैश्विक अर्थव्यवस्था की विकास दर घटने और मंदी लौटने की अटकलों से वैश्विक निवेशकों में हड़कंप मचा हुआ है। वैश्विक अर्थव्यवस्था की रफ्तार घटने से चिंता गहराने लगी है जिसका असर घरेलू बाजार पर भी देखने को मिल सकता है।
वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने एक अक्टूबर को कहा था कि जेनरल एंटी-एवॉयडेंस रूल्स (गार) पर विशेषज्ञ समिति की सिफारिश पर विचार कर सरकार 20 दिनों के भीतर आखिरी फैसला ले लेगी। इस पर निवेशकों को सरकारी फैसले की उम्मीद रहेगी।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गार पर विचार करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित की थी, जिसे पहली बार मार्च में बजट में प्रस्तुत किया गया था। समिति ने सरकार को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में गार के पालन को तीन साल तक स्थगित करने का सुझाव दिया था।