उत्सवों के आगामी मौसम में बढ़ने वाली भीड़ को देखते हुए रेलवे ऑनलाइन टिकट बुक कराने वाले वेटिंग सू़ची के यात्रियों को उपलब्धता को देखते हुए उसी मार्ग पर जाने वाली अगली ट्रेन में आरक्षित सीट देने के लिए एक योजना शुरू करेगा।
12 घंटों के भीतर उपलब्ध होगा टिकट
किसी वैकल्पिक ट्रेन में सीट मूल ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से 12 घंटों के भीतर उपलब्ध होगा। टिकट आरक्षण के समय योजना का चयन करने वाले यात्रियों को अंतिम सूची तैयार किए जाने के बाद प्रतीक्षासूची में होने पर सीट आवंटन के लिए विचारार्थ किया जाएगा।
ट्रेन और सीट की उपलब्धता पर निर्भर
रेलवे ने हालांकि साफ किया कि योजना का चयन करने का मतलब वैकल्पिक ट्रेन में सीट पक्की होना नहीं है और ‘यह ट्रेन एवं सीट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।’ ‘वैकल्पिक ट्रेन समायोजन योजना’ को ‘विकल्प’ का नाम दिया गया है और इसे एक नवंबर से दिल्ली-लखनऊ एवं दिल्ली-जम्मू सेक्टरों पर उत्तरी रेलवे में एक पायलट परियोजना के तौर पर छह महीने के लिए शुरू किया जाएगा।
कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा
रेलवे ने एक बयान में कहा, प्रतिक्रिया के आधार पर योजना काउंटर के माध्यम से और दूसरे सेक्टरों में भी उपलब्ध करायी जाएगी। इसमें कहा गया, यात्रियों से ना तो कोई अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा और ना ही किराए में अंतर के लिए पैसे वापस किए जाएंगे। सीट के आवंटन की जानकारी एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी और पूछताछ काउंटरों या फोन पर 139 नंबर डायल कर इसकी जानकारी ली जा सकती है।
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि पहल का उद्देश्य वेटिंग वाले यात्रियों को पक्की सीटें उपलब्ध कराना और साथ ही उपलब्ध सीटों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना है।