पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने गुरुवार को कई महत्वपूर्ण फैसले किए हैं। सेबी ने सार्वजनिक क्षेत्र के सभी उपक्रमों में न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी को बढ़ाकर 25 फीसदी करने का फैसला किया है।
सेबी ने बोर्ड की बैठक के दौरान ऑफर फॉर सेल तंत्र (ओएफएस) में बदलाव का फैसला लिया, जिसके तहत खुदरा निवेशकों के लिए 10 फीसदी शेयर सुरक्षित रखने का निर्णय लिया गया।
खुदरा निवेशकों को छूट भी दी जा सकती हैं। दो लाख रुपये तक की खरीदारी और बिकवाली करने वाले निवेशकों को खुदरा निवेशक कहा गया हैं।
सेबी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि बोर्ड ने प्राथमिक बाजार में मौजूदा नियामक ढांचे की समीक्षा की और बाजार में तेजी लाने के लिए सुधारों को स्वीकृति दी।
वर्तमान में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी का 10 फीसदी बनाए रखना होता है, जबकि निजी कंपनियों को 25 फीसदी बनाए रखने की जरूरत हैं। अब सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को 25 फीसदी या 400 करोड़ की न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी को हासिल करने के लिए तीन साल का वक्त दिया जाएगा।