डॉलर की पर्याप्त आपूर्ति के बीच डॉलर कमजोर होने से रुपया अपने 39 माह के निम्न स्तर से उबर गया और अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 27 पैसे की तेजी दर्शाता 68.46 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ.
निर्यातकों और बैंकों द्वारा अमेरिकी मुद्रा की आक्रामक डॉलर बिकवाली से रुपये में सुधार आया. भारतीय रिजर्व बैंक ने सरकारी बैंकों के जरिए हस्तक्षेप किया और बैंकों ने अमेरिकी मुद्रा की बिकवाली की.
अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 68.72 रुपये प्रति डॉलर पर मामूली ऊंचा खुला और दोपहर के कारोबार के दौरान 68.30 रुपये प्रति डॉलर के दिन के उच्चतम स्तर को छू गया. अंत में लगातार पांच दिनों से जारी गिरावट थम गई और यह 27 पैसे अथवा 0.39 प्रतिशत की तेजी दर्शाता 68.46 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ. गुरुवार को यह 68.73 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.
बंबई शेयर बाजार का सूचकांक आज 438.12 अंक अथवा 1.76 प्रतिशत की तेजी दर्शाता 25,338.58 अंक पर बंद हुआ.
इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने आज के कारोबार के लिए संदर्भ दर 68.46 रुपये प्रति डॉलर और यूरो-रुपये के लिए 72.53 रुपये प्रति यूरो निर्धारित की थी.
अन्तरमुद्रा कारोबार में पौंड, यूरो और जापानी येन के मुकाबले रुपये में तेजी आई.
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