आयकर विभाग गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में विदेशी निवेश के मूल्यांकन से संबंधित मानकों और निवेशकों की श्रेणी को चिह्नित करने के लिए अगले आठ-दस दिनों में नियमों का मसौदा जारी करेगा. कर विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि वित्त विधेयक, 2023 में किए गए संशोधनों के अनुरूप गैर-सूचीबद्ध सख्त नियंत्रण वाली कंपनियों में किए जाने वाले विदेशी निवेश को कर दायरे में लाया जा सकता है.
आयकर अधिनियम की धारा 56(2)(7बी) में सिर्फ उद्योग संवर्द्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) से मान्यता-प्राप्त स्टार्टअप को ही कर दायरे से बाहर रखा गया है.
अधिकारी ने कहा, ‘‘नियमों का मसौदा अगले आठ-दस दिन में आने की उम्मीद है. इस बारे में हितधारकों से शुरुआती परामर्श किया जा चुका है.''
उन्होंने कहा कि नियमों के मसौदे पर हितधारकों की राय लेने के बाद आयकर विभाग ‘एंजल कर' पर अंतिम नियमों को अधिसूचित कर देगा.
नियमों के मसौदे में गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों का वाजिब बाजार मूल्य (एफएमवी) तय करने के प्रावधान होंगे ताकि विदेशी निवेश पर कर लगाया जा सके. हालांकि, स्टार्टअप और उद्यम पूंजी उद्योग ने खास तरह के विदेशी निवेशकों को इससे बाहर रखने की मांग की है.
इस बीच, डीपीआईआईटी से मान्यता-प्राप्त स्टार्टअप में किए जाने वाले विदेशी निवेश पर कोई कर नहीं लगेगा.