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शेयर बाजार : मिला-जुला रुख रहने के आसार

इस सप्ताह शेयर बाजार की चाल मुख्य रूप से कच्चे तेल की कीमत, मानसून की गति, वैश्विक शेयर बाजार और विदेशी संस्थागत निवेशकों के रुख पर निर्भर करेगी। कुल मिलाकर मिला-जुला रुख रहने के आसार हैं।
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NDTV Profit हिंदी12:00 PM IST, 22 Jun 2014NDTV Profit हिंदी
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इस सप्ताह शेयर बाजार की चाल मुख्य रूप से कच्चे तेल की कीमत, मानसून की गति, वैश्विक शेयर बाजार और विदेशी संस्थागत निवेशकों के रुख पर निर्भर करेगी। कुल मिलाकर मिला-जुला रुख रहने के आसार हैं।

इराक में भड़की हिंसा से कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि और डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से ईंधन महंगाई दर बढ़ने और चालू खाता घाटा और राजकोषीय घाटा बढ़ने की आशंकाओं की वजह से पिछले सप्ताह बाजार में नकारात्मक रुख रहा।

इस बीच थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर के बढ़ने से भी बाजार पर दबाव बढ़ा और प्रमुख सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए।  

बीते सप्ताह प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में करीब आधा फीसदी गिरावट दर्ज गई। बंबई स्टाक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स में 122.66 अंकों यानी 0.49 फीसदी की गिरावट रही और यह 25,105.51 पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टाक एक्सचेंज का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 30.65 अंकों यानी 0.41 फीसदी की गिरावट रही और यह 7511.45 पर बंद हुआ।

निवेशकों की निगाह फिलहाल विदेशी संस्थागत निवेशकों के रुख पर भी रहेगा। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने इस माह अब तक (18 जून तक) 14,353.90 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की है। मई माह में इसने 14006.15 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की थी। इस साल अब तक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 60,158.30 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की है।

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली मध्य जुलाई में बजट पेश करेंगे। बजट से सरकार की पांच साल की अर्थव्यवस्था की नीतियां सामने आएंगी। निवेशक बजट को लेकर भी सतर्क होंगे।   

बीते सप्ताह सोमवार को थोक मूल्य आधारित महंगाई दर जारी की गई। यह दर मई में पांच महीने के उच्चस्तर 6.01 प्रतिशत पर पहुंच गई। अप्रैल में यह 5.20 प्रतिशत थी। महंगाई दर में यह वृद्धि खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतों में तीव्र वृद्धि के कारण हुई है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित देश की यह प्रमुख महंगाई दर पिछले वर्ष यानी 2013 के मई महीने में 4.58 प्रतिशत थी।

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