देश के शेयर बाजारों में छह कारोबारी सत्रों वाले गत सप्ताह में डेढ़ फीसदी से अधिक तेजी रही। मुम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स गत साप्ताहिक कारोबार में 1.84 फीसदी या 320.09 अंकों की तेजी के साथ 17,749.65 पर बंद हुआ।
इससे पिछले सप्ताह सेंसेक्स 1.99 फीसदी या 353.65 अंकों की गिरावट के साथ 17,429.56 पर बंद हुआ था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी गत साप्ताहिक कारोबार में 1.90 फीसदी या 100.20 अंकों की तेजी के साथ 5,358.70 पर बंद हुआ।
निफ्टी इससे पिछले सप्ताह 2.38 फीसदी या 128.20 अंकों की गिरावट के साथ 5,258.50 पर बंद हुआ था।
आलोच्य अवधि में बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी डेढ़ फीसदी से अधिक तेजी रही। मिडकैप 2.29 फीसदी या 137.72 अंकों की तेजी के साथ 6,142.74 पर बंद हुआ। मिडकैप में पिछले सप्ताह 1.87 फीसदी की गिरावट रही थी।
स्मॉलकैप आलोच्य अवधि में 1.58 फीसदी या 101.14 अंकों की तेजी के साथ 6,496.23 पर बंद हुआ। इसमें इससे पिछले सप्ताह 2.73 फीसदी गिरावट रही थी।
गत सप्ताह सेंसेक्स में तेजी में रहने वाले प्रमुख शेयरों में रहे मारुति सुजुकी (5.80 फीसदी), इंफोसिस (4.62 फीसदी), बजाज ऑटो (4.44 फीसदी), टाटा मोटर्स (4.09 फीसदी) और भारती एयरटेल (4.01 फीसदी)।
सेंसेक्स में इसी सप्ताह गिरावट में रहने वाले शेयरों में प्रमुख रहे भेल (4.43 फीसदी), टाटा पावर (3.61 फीसदी), आईटीसी (1.79 फीसदी), जिंदल स्टील (1.36 फीसदी) और एचडीएफसी (0.83 फीसदी)।
गत सप्ताह बीएसई के सभी 13 सेक्टरों में तेजी रही। सूचना प्रौद्योगिकी (4.20 फीसदी), प्रौद्योगिकी (4.18 फीसदी), वाहन (3.24 फीसदी), रियल्टी (2.72 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (2.53 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।
शनिवार को शेयर बाजारों में 90 मिनट का विशेष कारोबारी सत्र आयोजित किया गया।
मुम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में 90 मिनट का विशेष सत्र आपदा से निपटने के सॉफ्टवेयर को परखने के लिए आयोजित किया गया। विशेष सत्र बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) दोनों में आयोजित किया गया। इस दिन अधिकतर ब्रोकरेज कम्पनियों और विदेशी संस्थागत निवेशकों के लिए कार्य मुम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में 90 मिनट का विशेष सत्र आपदा से निपटने के सॉफ्टवेयर को परखने के लिए आयोजित किया गया।
विशेष सत्र बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) दोनों में आयोजित किया गया। इस दिन अधिकतर ब्रोकरेज कम्पनियों और विदेशी संस्थागत निवेशकों के लिए कार्यदिवस नहीं रहने के कारण शेयर बाजारों में बड़े स्तर का कारोबार नहीं देखा गया।
विशेष कारोबारी सत्र 11.15 बजे सुबह से 12.45 दोपहर के बीच आयोजित किया गया।
सप्ताह के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में देश का निर्यात 14.8 फीसदी घटकर 22.44 अरब डॉलर रहा। पिछले साल की समान अवधि में देश का निर्यात 26.34 अरब डॉलर था।
मौजूदा कारोबारी साल के पहले चार महीने में देश का कुल निर्यात 97.64 अरब डॉलर का है, जो पिछले साल की समान अवधि के 102.85 अरब डॉलर निर्यात से 5.06 फीसदी कम है।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक आलोच्य अवधि में आयात 7.61 फीसदी कम 37.93 अरब डॉलर रहा, जिसके कारण मासिक व्यापार घाटा 15.49 अरब डॉलर दर्ज किया गया।
मौजूदा कारोबारी साल के पहले चार महीने का कुल आयात 153.19 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल की समान अवधि के 163.80 अरब डॉलर आयात से 6.47 फीसदी कम है।
केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने सोमवार को कहा कि सरकार कर नियमों में स्पष्टता लाएगी और एक स्थिर कर व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाएगी।
चिदम्बरम ने आयकर मुख्य आयुक्तों और महानिदेशकों को सम्बोधित करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'हम यह सुनिश्चित करेंगे कि एक स्थिर कर व्यवस्था और कर कानूनों में स्पष्टता बनी रहे।"
चिदम्बरम ने कहा कि सरकार को मौजूदा कारोबारी साल में 5.7 लाख करोड़ प्रत्यक्ष कर वसूली का लक्ष्य हासिल हो जाने का अनुमान है।
वित्त मंत्री ने हालांकि कहा कि अभी तक प्रत्यक्ष कर की वसूली लक्ष्य से कम रही है लेकिन मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी छमाही में वसूली बढ़ेगी। उन्होंने कहा, 'वसूली 10.5 फीसदी की दर से बढ़ी है, जबकि जरूरत 15 फीसदी की है।'