शेयर बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 60000 से नीचे बंद

सेंसेक्स 60000 से नीचे 59330 पर और निफ्टी 17604 पर बंद हुआ. आज सबसे ज्यादा तेजी टाटा मोटर्स के शेयरों में देखी गई वहीं अदाणी के शेयरों में आज सबसे बड़ी गिरावट देखी गई.

शेयर बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 60000 से नीचे बंद

शेयर बाजार में गिरावट

मुंबई:

देश के शेयर बाजार में शुक्रवार को गिरावट के माहौल रहा. सेंसेक्स में 874 अंक और निफ्टी में 287 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ. सेंसेक्स 60000 से नीचे 59330 पर और निफ्टी 17604 पर बंद हुआ. आज सबसे ज्यादा तेजी टाटा मोटर्स के शेयरों में देखी गई वहीं अदाणी के शेयरों में आज सबसे बड़ी गिरावट देखी गई.  अडाणी समूह की कंपनियों और बैंक एवं वित्तीय शेयरों में भारी बिकवाली के साथ विदेशी निवेशकों की निकासी जारी रहने से शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार में जोरदार गिरावट आई और बीएसई सेंसेक्स 874 अंक लुढ़क गया. बीएसई का तीस शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 874.16 अंक यानी 1.45 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 59,330.90 अंक पर बंद हुआ. यह एक महीने से भी अधिक समय का सबसे निचला स्तर है. कारोबार के दौरान सेंसेक्स एक समय 1,230.36 अंक तक गिरकर 58,974.70 अंक पर भी आ गया था.

इसी तरह एनएसई का मानक सूचकांक निफ्टी भी 287.60 अंक यानी 1.61 प्रतिशत गिरावट के साथ 17,604.35 अंक पर खिसक गया. यह गत 23 दिसंबर के बाद निफ्टी की एक दिन में दर्ज सबसे बड़ी गिरावट है.

सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज को सर्वाधिक नुकसान उठाना पड़ा.

बाजार में जारी तगड़ी बिकवाली के बीच टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर बढ़त लेने में सफल रहे. कई तिमाहियों के बाद मुनाफे की स्थिति में लौटी टाटा मोटर्स के शेयरों में सर्वाधिक 6.34 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई. आईटीसी और अल्ट्राटेक सीमेंट ने भी बढ़त ली.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, 'एशिया के सबसे धनी उद्यमी की कंपनियों के बारे में एक प्रतिकूल शोध रिपोर्ट आने से भारतीय बाजार में तेज गिरावट आई. इस समूह को कर्ज देने वाले बैंकों पर जोखिम बढ़ने से बैंकिंग शेयरों पर भी असर देखा जा रहा है. निजी बैंकों की तुलना में सार्वजनिक बैंकों पर इसकी मार अधिक पड़ी.'

नायर ने कहा कि आम बजट के पहले और आसन्न फेडरल रिजर्व बैठक के पहले विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के सजग रुख अपनाने से भी घरेलू बाजारों में भारी गिरावट की स्थिति बनी. अडाणी समूह की कंपनियों के शेयर 20 प्रतिशत तक टूट गए. दो दिन पहले ही अमेरिकी निवेश शोध कंपनी हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी कर इस समूह पर अनुचित कारोबार से संबंधित गंभीर आरोप लगाए थे.

अडाणी समूह की प्रतिनिधि कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज शुक्रवार को ही 20,000 करोड़ रुपये का अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) लेकर आई लेकिन हिंडनबर्ग रिपोर्ट के असर में उस.के शेयर 18.52 प्रतिशत तक धराशायी हो गए. इसी तरह अडाणी पोर्ट्स 16 प्रतिशत, अडाणी पावर पांच प्रतिशत, अडाणी ग्रीन एनर्जी 19.99 प्रतिशत और अडाणी टोटल गैस 20 प्रतिशत तक लुढ़क गईं. एशिया के अन्य बाजारों में सोल, टोक्यो और हांगकांग के सूचकांक बढ़त के साथ बंद हुए.

यूरोप के शेयर बाजारों में भी बढ़त का रुख देखा जा रहा था. एक दिन पहले अमेरिकी बाजार भी लाभ में रहे थे. अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.35 प्रतिशत चढ़कर 88.65 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

इस बीच विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से निकासी जारी रखी है. उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक एफआईआई ने बुधवार को 2,393.94 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिक्री की थी. गणतंत्र दिवस के मौके पर बृहस्पतिवार को बाजार बंद था. (इनपुट भाषा से)