आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ फ्लैट खरीदारों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि फ्लैट खरीदारों का पैसा, फ़्लैट खरीदारों का है इसे कोई नही ले सकता. सुप्रीम कोर्ट ने बैंक ऑफ़ बरोडा को कहा कि आपने पैसा बिल्डर को दिया है न कि फ्लैट खरीदारों को. आप फ्लैट खरीदारों के पैसे नही ले सकते. आप बिल्डर की सम्पति को ले सकते है. दरसअल सुनवाई के दौरान बैंक ऑफ़ बरोडा की तरफ से इंसोल्वेंसी प्रक्रिया का मुद्दा उठाया गया था. कहा गया कि हमारे पैसे भी बिल्डर ने लिए है, उसको लेकर दायर अर्जी पर भी सुनवाई हो. सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर, बायर्स, नोएडा ऑथॉरिटी और ग्रेटर नोएडा ऑथॉरिटी को मीटिंग करने को कहा. 10 अप्रैल को अगली सुनवाई.
इससे पहले 22 फरवरी को आम्रपाली मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली को कहा था कि अगर वक्त पर काम पूरा नहीं हुआ तो जेल भेज देंगे. सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली को ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लेजर पार्क प्रोजेक्ट में 19 टावर पूरे करने के लिए निर्माण शुरू कर पूरा करने की इजाजत दी थी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 1665 फ्लैट जल्द से जल्द तैयार करने को कहा था. इसके लिए कोर्ट ने 13 डेवलपर्स से साझेदारी की अनुमति दी थी. कोर्ट ने सात मार्च तक आम्रपाली को कोर्ट में इसके लिए अंडरटेकिंग दाखिल करने को कहा है.
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कोर्ट ने कहा था कि वो इसकी निगरानी करेगा और 27 मार्च को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बाकी प्रोजेक्ट पर सुनवाई 15 मार्च को होगी. कोर्ट ने कहा था कि हम पर ना रेरा का कोई असर होगा और न ही दिवालियापन कार्रवाई का. कोर्ट की कोशिश है कि लोगों को फ्लैट मिल सकें. खरीदारों की ओर से कहा गया कि उन्होंने 2010 में फ्लैट बुक किए थे और तीन साल में इसे पूरा किया जाना था. इसमें 90 फीसदी राशि जमा भी कर दी गई है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह प्रोजेक्ट के आधार पर ही सुनवाई करेगा.
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