वैश्विक बाजारों में तेज गिरावट के बीच सोमवार को स्थानीय बाजारों में भी बिकवाली का जोर रहा और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 444 अंक गिरकर 28,354 पर बंद हुआ. निफ्टी भी 151 अंक लुढ़ककर 8,716 अंक पर बंद हुआ.
24 जून के बाद स्थानीय बाजारों में यह एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है, जब यूरोपीय यूनियन छोड़ने के ब्रिटेन के मतदाताओं के निर्णय से विश्व भर में बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई थी.
अमेरिका में ब्याज दर बढ़ाए जाने के जोखिम में अमेरिका, यूरोप और एशिया सहित दुनियाभर में प्रमुख शेयर बाजारों में लड़खड़ाहट दिखी. विश्व बाजारों को आशंका है कि अमेरिकी बैंकिंग विनियामक फेडरल रिजर्व इसी माह नीतिगत ब्याज ऊंची कर सकता है. अमेरिका में नीतिगत ब्याज दर बढ़ने की स्थिति में विदेशी संस्थागत निवेशक शेयर बाजारों से धन निकाल कर अमेरिकी बांडों में निवेश की ओर झुकेंगे.
जुलाई के औद्योगिक उत्पादन और अगस्त के मुद्रास्फीति के आंकड़ों के जारी होने से पहले स्थानीय बाजार में निवेशक कुछ सतर्कता भी बरत रहे थे. डॉलर के मुकाबले रुपये में दिन में 28 पैसे की तेज गिरावट का भी शेयर बाजार की धारणा पर विपरीत प्रभाव पड़ा.
सेंसेक्स शुरुआत में ही तेज गिरावट के साथ 28,481.09 पर खुला और एक समय गिरकर 28,251.31 तक चला गया था। बाद में यह 28,481.11 तक सुधर गया था, लेकिन आखिर में सूचकांक 28,353.54 अंक पर बंद हुआ. 24 जून को एक दिन में सेंसेक्स 604.51 टूटा था.
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