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बाजार की साप्ताहिक समीक्षा : सेंसेक्स, निफ्टी में 1 फीसदी से अधिक तेजी

देश के शेयर बाजारों में पिछले संक्षिप्त सप्ताह में एक फीसदी से अधिक तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 1.38 फीसदी यानी 357.45 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 26,220.95 पर बंद हुआ।
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NDTV Profit हिंदी10:08 AM IST, 03 Oct 2015NDTV Profit हिंदी
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देश के शेयर बाजारों में पिछले संक्षिप्त सप्ताह में एक फीसदी से अधिक तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 1.38 फीसदी यानी 357.45 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 26,220.95 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 1.05 फीसदी यानी 82.4 अंकों की तेजी के साथ 7,950.90 पर बंद हुआ। शेयर बाजार शुक्रवार को महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर बंद था।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 19 में तेजी रही। डॉ. रेड्डीज लैब (6.51 फीसदी), ल्युपिन (5.91 फीसदी), हिंदुस्तान यूनिलीवर (4.24 फीसदी), कोल इंडिया (3.01 फीसदी) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (2.91 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे वेदांता (12.42 फीसदी), एक्सिस बैंक (3.54 फीसदी), टाटा मोटर्स (2.19 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (1.57 फीसदी) और टाटा स्टील (1.51 फीसदी)।

गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी रही। मिडकैप 2.08 फीसदी या 220.81 अंकों की तेजी के साथ 10,818.68 पर और स्मॉलकैप 0.92 फीसदी या 100.46 अंकों की तेजी के साथ 11,042.60 पर बंद हुआ।

गत सप्ताह मंगलवार (29 सितंबर) को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बाजार को अचंभित करते हुए उसकी उम्मीद से अधिक मुख्य ब्याज दरों में 50 आधार अंकों की कटौती कर दी थी। आरबीआई ने मौजूदा कारोबारी साल की चौथी दोमाही मौद्रिक नीति समीक्षा में वाणिज्यिक बैंकों को छोटी अवधि के लिए दिए जाने वाले ऋण की ब्याज दर, रेपो दर में 50 आधार अंकों की कटौती करते हुए इसे 6.75 फीसदी कर दिया।

इसके साथ ही वाणिज्यिक बैंक द्वारा आरबीआई में छोटी अवधि के लिए जमा की गई राशि पर दी जाने वाली ब्याज दर, रिवर्स रेपो दर भी 50 आधार अंक घटकर 5.75 फीसदी हो गई। आरबीआई ने नकद आरक्षी अनुपात को हालांकि चार फीसदी पर बनाए रखा। आरबीआई ने मौजूदा कारोबारी साल के लिए विकास दर के पूर्व घोषित 7.6 फीसदी अनुमान को घटाकर 7.4 फीसदी कर दिया।

बुधवार 30 सितंबर को जारी एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 38 फीसदी योगदान करने वाले आठ प्रमुख उद्योगों की विकास दर अगस्त में 2.6 फीसदी रही। अप्रैल-अगस्त अवधि के लिए यह दर 2.2 फीसदी रही, जो एक साल पहले की समान अवधि में 5.6 फीसदी थी।

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