कच्चे तेल के कई साल के निचले स्तर पर आने से जिंस बाजार से जुड़ी घरेलू कंपनियों के शेयर टूटने और जीएसटी के पारित होने को लेकर नई चिंता पैदा होने से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में करीब 220 अंक घटकर तीन माह के निचले स्तर 25,310.33 अंक पर बंद हुआ।
ब्रोकरों ने कहा कि इसके अलावा, सतत विदेशी पूंजी निकासी एवं रुपये में नरमी का भी असर बाजार पर पड़ा। तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) द्वारा उत्पादन नहीं घटाने का निर्णय करने से वैश्विक स्तर पर कच्चा तेल 7 साल के निचले स्तर पर आ गया। इससे बीएसई तेल और गैस सूचकांक 2.14 प्रतिशत तक टूट गया।
बीएसई सेंसेक्स 25,256.79 और 25,542.47 अंक के दायरे में घूमने के बाद 219.78 अंक नीचे 25,310.33 अंक पर बंद हुआ। इससे पहले सेंसेक्स ने यह स्तर सात सितंबर को देखा था जब यह 24,893.81 अंक पर बंद हुआ था। इस गिरावट के साथ सेंसेक्स पांच सत्र में 860 अंक टूट चुका है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 63.70 अंक नीचे 7,701.70 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान इसने 7,700 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 7,685.45 अंक का स्तर छुआ था। विश्लेषकों ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर सरकार और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बीच नई खींचतान शुरू होने से जीएसटी के संसद के शीतकालीन सत्र में पारित होने की उम्मीद टूट सकती है।