स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने (एसएंडपी) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान को घटाकर 5.5 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले उसने देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। एसएंडपी ने वैश्विक स्तर पर आर्थिक मोर्चे पर उतार-चढ़ाव के मद्देनजर वृद्धि दर के अनुमान को कम किया है।
एसएंडपी ने कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र मौजूदा वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता का दबाव झेल रहा है। इसके मद्देनजर उसने भारत की वृद्धि दर के अनुमान को एक प्रतिशत अंक घटाकर 5.5 प्रतिशत कर दिया है।
एसएंडपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि मानसून की बारिश कम रहने से भारत पर असर पड़ा है। भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र की अभी भी काफी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है।
रिपोर्ट में हालांकि भारत सरकार द्वारा हाल में आगे बढ़ाए गए सुधारों का उल्लेख नहीं है। सरकार ने पिछले सप्ताह डीजल कीमतों में 12 प्रतिशत की भारी वृद्धि की थी और इसके साथ ही प्रति परिवार सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडरों की सीमा तय कर दी थी। सरकार ने इसके साथ ही बहु- ब्रांड खुदरा क्षेत्र, विमानन, प्रसारण और बिजली एक्सचेंजों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दी है।
एसएंडपी ने कहा है कि एशिया प्रशांत की अर्थव्यवस्थाओं को वृद्धि के मोर्चे पर चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। यूरो क्षेत्र में आर्थिक स्थिति खराब होने से इन क्षेत्रों के लिए जोखिम और बढ़ेगा, क्योंकि ये अर्थव्यवस्थाएं पूंजी प्रवाह और व्यापार की दृष्टि से ‘संवेदनशील’ हैं। एसएंडपी के ऋण विश्लेषक एंड्रूय पामर ने कहा, यूरो क्षेत्र में आर्थिक परिस्थितियां और खराब होने से एशिया प्रशांत की अर्थव्यवस्थाओं के लिए जोखिम बढ़ेगा।
एसएंडपी ने कुछ अन्य अर्थव्यवस्थाओं के लिए भी 2012 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को कम किया है। चीन की वृद्धि दर के अनुमान को 8 से घटाकर 7.5 प्रतिशत किया है, जबकि जापान की वृद्धि दर के अनुमान को 2.5 से घटाकर 2 प्रतिशत किया गया है। इसी तरह कोरिया की वृद्धि दर के अनुमान को तीन से 2.5, सिंगापुर के 2.5 से 2.1 प्रतिशत तथा ताइवान के वृद्धि दर के अनुमान को 2.5 से घटाकर 1.9 फीसदी किया गया है। इससे पहले मार्गन स्टेनले, एचएसबीसी और स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए देश की वृद्धि दर के अनुमान को घटाया था।