शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह मुख्य रूप से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ब्याज दर पर निर्णय से तय होगी. इसके अलावा निवेशकों की निगाह कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजों, वैश्विक रुझान और विदेशी कोषों की गतिविधियों पर भी रहेगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. विश्लेषकों ने कहा कि ब्रेंट कच्चे तेल का दाम और रुपये का उतार-चढ़ाव भी बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा.
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर ने कहा, ‘‘अमेरिकी बाजार की दिशा पर सभी की निगाह रहेगी. हालांकि, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का प्रवाह महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि वे 2023 की शुरुआत से भारतीय बाजारों में जबर्दस्त बिकवाली कर रहे हैं. अडाणी समूह के घटनाक्रम के बाद उनकी बिकवाली और बढ़ी है.''
उन्होंने कहा कि इस सप्ताह भारती एयरटेल, हीरो मोटोकॉर्प, हिंडाल्को और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजों के अलावा अमेरिका में वृहद आर्थिक आंकड़े जारी होंगे. रिजर्व बैंक की मौद्रिक घोषणा बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण होगी. केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ब्याज दरों पर अपने फैसले की घोषणा 8 फरवरी को करेगी.
अमेरिका की शॉर्ट सेलेर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा एक रिपोर्ट में गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह पर धोखाधड़ी वाले लेनदेन और शेयर कीमतों में हेरफेर के आरोपों के बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट आ रही है.
हालांकि, अडाणी समूह ने इन आरोपों को झूठ बताते हुए खारिज कर दिया है. औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़े शुक्रवार को कारोबार बंद होने के बाद आएंगे.
रेलिगेयर के उपाध्यक्ष तकनीकी शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि इस सप्ताह बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा. सप्ताह के दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाक्रमों के साथ ही कुछ आंकड़े भी आने हैं. आठ फरवरी को रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों की घोषणा होगी. 10 फरवरी को औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े आएंगे.''
इस सप्ताह टाटा स्टील, अडानी पोर्ट्स, अंबुजा सीमेंट, भारती एयरटेल, हीरो मोटोकॉर्प, हिंडाल्को, ल्यूपिन और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी बड़ी कंपनियां अपने दिसंबर तिमाही के नतीजों की घोषणा करेंगी.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘इस सप्ताह घरेलू बाजार के लिए रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा एक प्रमुख उत्प्रेरक होगी.''
अपनी दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.35 प्रतिशत और बढ़ा दिया था. इससे पहले केंद्रीय बैंक ने रेपो दर में लगातार तीन बार 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की थी.
पिछले साल मई से रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिए नीतिगत दरों में सवा दो प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है. मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी के लिए मुख्य रूप से बाहरी कारक...रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बाधा को जिम्मेदार माना गया है.
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,510.98 अंक या 2.54 प्रतिशत के लाभ में रहा.