क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली बैंकिंग कंपनियों के लिए नियम सख्त करते हुए रिजर्व बैंक ने बैंकों को कहा है कि यदि ग्राहक निर्धारित 90 दिनों की अवधि के भीतर न्यूनतम बकाये का भुगतान करने में विफल रहता है, तो वे इस राशि को डूबता (एनपीए) ऋण समझें।
आरबीआई ने कहा, बैंकों को सलाह दी जाती है कि यदि अगले विवरण की तिथि से 90 दिनों के भीतर न्यूनतम बकाये का भुगतान नहीं किया जाता है, तो बैंक इसे गैर-निष्पादित आस्तियों के तौर पर लें।
क्रेडिट कार्ड खातों में खर्च की गई राशि का ब्योरा एक मासिक विवरण पत्र में डालकर पुनर्भुगतान की एक निश्चित तिथि के साथ कार्डधारक को भेजा जाता है। बैंक कार्डधारक को पूर्ण राशि का भुगतान करने के अलावा न्यूनतम बकाये का भुगतान करने का भी विकल्प देते हैं।
आरबीआई ने बैंकों को साख सूचना कंपनियों को ब्योरा देते समय क्रेडिट कार्ड खातों के लिए बकाये का स्थिति निर्धारित करने में इस एक समान पद्धति को अपनाने को कहा है।