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RBI को गंभीरता से फेडरल रिजर्व से अलग रुख अपनाने पर सोचना चाहिए: सौम्य कांति घोष

देश की मुद्रास्फीति (Inflation) जनवरी 2023 में बढ़कर 6.52 प्रतिशत हो गई, जो आरबीआई के टॉलरेंस रेंज छह प्रतिशत से अधिक है.
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NDTV Profit हिंदी06:02 PM IST, 11 Mar 2023NDTV Profit हिंदी
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देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई समूह (SBI Group) के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष (Soumya Kanti Ghosh) ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)  को ब्याज दर में बढ़ोतरी के मामले में एक सुझाव दिया है. उन्होंने कहा है कि आरबीआई को गंभीरता से सोचना' चाहिए कि क्या वह ब्याज दर में बढ़ोतरी के मामले में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) के कदम को ''हूबहू'' जारी रख सकता है.

भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स (Bharat Chamber of Commerce) द्वारा आयोजित एक प्रोग्राम में एसबीआई समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष  ने यह बात कही है. इसके दौरान सौम्य कांति घोष ने कहा कि उन्हें शॉर्ट टर्म में फेडरल रिजर्व द्वारा रेपो रेट (Repo Rate) में बढ़ोतरी का अंत नहीं दिख रहा है और ऐसे में आरबीआई के लिए एक अलग तरह से सोचने का वक्त है.

उन्होंने कहा, ''मेरा कहना यह है कि क्या हम फेडरल रिजर्व का हूबहू अनुसरण कर सकते हैं? किसी समय तो हमें रुकने और सोचने की जरूरत है कि क्या पहले की दर वृद्धि (आरबीआई द्वारा) का प्रभाव प्रणाली में कम हो गया है.. मुझे नहीं लगता कि फेडरल रिजर्व के चक्र का जल्द ही कोई अंत होगा. वह तीन या इससे अधिक बार दरों में बढ़ोतरी कर सकता है.''

देश की मुद्रास्फीति (Inflation) जनवरी 2023 में बढ़कर 6.52 प्रतिशत हो गई, जो आरबीआई के टॉलरेंस रेंज छह प्रतिशत से अधिक है. इससे पहले 2022 के 12 महीनों में से 10 महीनों में मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से अधिक रही थी.

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