भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि महंगाई के खिलाफ संघर्ष अभी समाप्त नहीं हुआ है और ऊंची कीमतों की वजह से मुख्य रूप से गरीब लोगों पर असर पड़ा है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव ने कहा कि महंगाई की दर ऊंचे स्तर पर बनी हुई है और इसे पांच फीसदी के स्तर पर लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चुनौती ब्याज दरों के जरिये महंगाई पर अंकुश करने की है और साथ ही आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने की भी है।
'वैश्वीकरण की दुनिया में भारत - कुछ नीतिगत अड़चनें' विषय पर कॉर्नेल विश्वविद्यालय में अपने व्याख्यान में सुब्बाराव ने कहा कि लोग महंगाई से प्रभावित होते हैं, खासकर गरीब। उनके पास अपनी आवाज बुलंद करने का कोई तंत्र नहीं है। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जुलाई में घटकर 6.87 प्रतिशत पर आ गई। जून में यह 7.25 फीसदी के स्तर पर थी। यह रिजर्व बैंक के पांच से छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से कहीं ऊंची है।
सुब्बाराव ने जोर देकर कहा कि महंगाई पर अंकुश रिजर्व बैंक की सर्वोच्च प्राथमिकता है और वृद्धि को प्रोत्साहन देने के साथ हमें ब्याज दरों को भी निचले स्तर पर रखना है।