खुदरा मुद्रास्फीति की दर अब भी काफी ऊंची है, ऐसे में रिजर्व बैंक द्वारा आगामी मौद्रिक नीति की समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश नहीं है। केंद्रीय बैंक द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा 30 सितंबर को पेश करेगा।
हालांकि, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में हाल के महीनों में गिरावट आई है, लेकिन अब भी यह संतोषजनक स्तर से ऊपर है। अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 7.8 प्रतिशत पर आ गई, जो अप्रैल में 8.59 प्रतिशत पर थी। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति भी अगस्त में घटकर 3.74 प्रतिशत रह गई, जो वित्त वर्ष की शुरुआत में 5.55 प्रतिशत थी।
भारतीय स्टेट बैंक की प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा, रिजर्व बैंक संभवत: ब्याज दरों में बदलाव नहीं करेगा। इसी तरह की राय जताते हुए बैंक ऑफ बड़ौदा के कार्यकारी निदेशक राजन धवन ने कहा कि ऊंची मुद्रास्फीति की वजह से रिजर्व बैंक, ब्याज दरों में बदलाव नहीं करेगा।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी - केयर रेटिंग ने कहा कि रिजर्व बैंक के पास 30 सितंबर को ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश कम है, क्योंकि मुद्रास्फीति के ऊपर जाने का जोखिम बना हुआ है।