गांधीवादी समाज सेवक अन्ना हजारे ने कहा कि अगर योग गुरू रामदेव राजनीतिक दलों से अलग रहे तो ही वह उनके साथ जाना चाहेंगे।
अन्ना पर आरोप है कि रामदेव की मदद से वह आरएसएस की ओर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह 19 सितंबर को योग गुरू से संदेश मिलने के बाद ही उनसे मिलने गए थे। उन्होंने कहा ‘मुलाकात के दौरान, रामदेव ने सुझाव दिया कि हम साथ दौरा करें। मैंने उन्हें कोई आश्वासन नहीं दिया। मैं ऐसा तब ही करूंगा जब मुझे यह भरोसा हो जाए कि उन्हें किसी राजनीतिक दल का समर्थन प्राप्त नहीं है। मैं इस बारे में स्पष्ट नहीं हूं।’
अन्ना ने कहा ‘यह स्पष्ट होने के बाद मैं रामदेव के साथ जाने के बारे में सोचूंगा कि उन्हें किसी राजनीतिक दल का समर्थन प्राप्त नहीं है।’
पिछले सप्ताह अन्ना ने अपने ब्लॉग में खुद को कुछ दलों और ‘सांप्रदायिक संगठनों’ से जोड़े जाने के प्रयासों पर नाराजगी जताई थी। अन्ना की नाराजगी इन आरोपों के संदर्भ में थी कि वह अरविंद केजरीवाल गुट के अलग होने के बाद भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को चलाने के लिए रामदेव के जरिये आरएसएस के करीब जा रहे हैं।