रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि देश में अत्यधिक तीव्र गति से चलने वाली ट्रेनों को शुरू करने के लिए रेल मंत्रालय छह वैश्विक कंपनियों के साथ बातचीत कर रहा है और बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है. ये ट्रेनें 600 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से चल सकती हैं. सुरेश प्रभु ने चेन्नई में एक सम्मेलन के दौरान संवाददाताओं से अलग से बातचीत में कहा, हमने उन छह वैश्विक कंपनियों से बातचीत की है, जिनके पास प्रौद्योगिकी है, जिससे ट्रेनें 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं. 600 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार की ट्रेनें भी हैं. हमने उन्हें बुलाया और उनसे कहा कि हम इसका विकास आपके साथ करेंगे.'
रेल मंत्री ने बताया कि छह कंपनियां आगे आई हैं और बातचीत अग्रिम अवस्था में है. अगर वे इस प्रकार की तीव्र गति वाली ट्रेनों का निर्माण कर सके तो देश उसकी संभावना पर भी गौर करेगा. सुरेश प्रभु चेन्नई में 'तमिलनाडु बिजनेस लीडर्स कॉन्फ्रेंस' में भाग लेने के लिए आए हैं. इसका आयोजन उद्योग मंडल सीआईआई ने किया.
ऐसी उच्च गति वाली ट्रेनों की शुरुआत के लिए समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर प्रभु ने कहा, 'यह 10 साल में हो सकता है. ये नए क्षेत्र हैं जिस पर हम काम कर रहे हैं.' उच्च गति की ट्रेनों की शुरुआत के बारे में उन्होंने कहा, 'जापानी कंपनियां उच्च गति की ट्रेनों पर करीब एक लाख करोड़ रुपये निवेश कर रही हैं.' उनके मंत्रालय के निवेश के बारे में पूछे जाने पर प्रभु ने कहा, '8.50 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव है. इसके अलावा हम 85,000 करोड़ रुपये मालगाड़ियों के लिए अलग गलियारे में निवेश कर रहे हैं. हमें इसके 2019 में पूरा होने की उम्मीद है. पिछले दो साल में अनुबंध जारी किए गए हैं, निविदाओं को अंतिम रूप दिया गया है.' (इनपुट भाषा से)