घाटे में चल रही रेलवे नई नीति के साथ मुनाफा कमाने में जुटी है। मुनाफा प्रीमियम ट्रेन और प्रीमियम तत्काल टिकट के जरिये हो रहा है, लेकिन क़ीमत मुसाफ़िरों को चुकानी पड़ रही है।
पर्व−त्योहार के इन दिनों में अगर आप ट्रेन की टिकट लेने पहुंचें तो हो सकता है कि उनका किराया आपको हैरान कर दे। प्रीमियम ट्रेनों में तो 2400 रुपये का टिकट 7200 रुपये तक का बिक रहा है।
रेलवे ने अब एयरलाइंस की तरह प्रीमियम ट्रेनों और तत्काल सेवाओं में मांग के हिसाब से किराये तय करने की नीति अख्तियार की है।
त्योहारों के इस मौके पर रेलवे 30 प्रीमियम ट्रेनें चला रही है जिससे रोजाना उसकी आमदनी डेढ़ से दो करोड़ रुपये तक ज्यादा बढ़ गई है। वहीं, 62 ट्रेनों में शुरू तत्काल प्रीमियम की नई नीति ने रोजाना रेलवे की आमद 23 लाख ज्यादा बढ़ा दी है।
उधर, यात्री इसे मजबूरी का फायदा उठाना ही मानते हैं।
वैसे भी रेलवे में कम से कम एसी वन और एसी टू के किराये ऐसे हो गए हैं कि कई बार विमान यात्रा बिल्कुल बराबर या कम ही बैठता है। कहीं ऐसा न हो कि तत्काल मुनाफ़ा कमाने की कोशिश में रेलवे अपने ग्राहक खो बैठे।