जुगाड़ के जरिये फौरी तौर पर समस्या के समाधान की प्रवृत्ति की आलोचना करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि सतत वृद्धि के लिए मजबूत संस्थागत प्रणाली होना जरूरी है, जिससे कारोबार में मदद मिलती है।
समस्या से निपटने का ठेठ भारतीय तरीका है जुगाड़
राजन ने चौथे सीके प्रह्लाद स्मृति व्याख्यान में कहा 'जुगाड़ या किसी भी तरह मुश्किल दूर करना, किसी समस्या से निपटने का ठेठ भारतीय तरीका है, लेकिन यह मुश्किल या असंभव कारोबारी माहौल का संकेत देता है। इससे छोटा रास्ता अपनाने या टाल-मटोल की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलता है और इनमें से किसी से भी अंतिम उत्पाद या सतत आर्थिक वृद्धि में मदद नहीं मिलती।'
उन्होंने कहा 'हममें जरूरी संस्थान बनाने और सतत वृद्धि के नए मार्ग तैयार करने की रणनीति पर अडिग रहने का अनुशासन होना चाहिए जहां जुगाड़ की जरूरत नहीं है।'
कारोबारियों के समझ और सहयोग की जरूरत
मुश्किल दौर में परिचालन करने वाली कंपनियों की प्रशंसा की जरूरत पर जोर देते हुए आरबीआई चीफ ने कहा 'हमें बेहतरी के लिए प्रणाली में बदलाव लाने की जरूरत है और ऐसा करते हुए कारोबारी समुदाय को सहयोग करना होगा।'
शैक्षणिक पृष्ठभूमि से केंद्रीय बैंक में आने वाले राजन ने कहा 'हमें कारोबारी समुदाय की समझ और सहयोग की जरूरत है न कि फौरी असंभव समाधान के लिए बेसब्री और दबाव की जरूरत है। मुझे लगता है कि सिर्फ तभी हम एक देश के तौर पर वास्तविक संभावना का अहसास कर पाएंगे।'