रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव ने बुधवार को कहा कि मौजूदा कानून देश में इस्लामिक बैंकिंग की अनुमति नहीं देता लेकिन उपयुक्त कानून के जरिये इस महत्वपूर्ण कारोबार मॉडल के लिए स्थान बन सकता है।
कश्मीर यूनिवर्सिटी के बिजनेस स्कूल के छात्रों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ‘‘हमारे बैंकिंग कानून के तहत बिना ब्याज के बैंकों के लिए काम करना संभव नहीं है। हर शाम अगर बैंकों को पैसे की कमी होती है, वे रिजर्व बैंक से कर्ज लेते हैं जिसके लिए उन्हें ब्याज देना होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस्लामिक बैंकिंग प्रणाली के तहत वे ऐसा नहीं कर सकते।’’ सुब्बाराव ने कहा कि हालांकि मौजूदा कानून इस्लामिक बैंकिंग के अनुरूप नहीं है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि इसकी कोई गुंजाइश नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए। उन्हें इस्लामिक बैंकिंग के बारे में निर्णय करना चाहिए और उसके अनुसार कानून बनाने चाहिए। रिजर्व बैंक उसे क्रियान्वित करेगा।’’ सुब्बाराव ने यह भी कहा कि इस्लामिक बैंकिंग महत्वूर्ण कारोबार मॉडल है और कई देशों में यह लोकप्रिय है।