वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने अगले दो साल के दौरान नए सुधारों को बढ़ाने का वादा करते हुए गुरुवार को कहा कि स्टैण्डर्ड एण्ड पूअर्स (एस एण्ड पी) द्वारा भारत की रेटिंग घटाए जाने का कोई गंभीर खतरा नहीं है।
एस एण्ड पी ने भारत में सुधारों के आगे नहीं बढ़ने की स्थिति में अगले 24 महीने के दौरान रेटिंग गिरने की चेतावनी दी है। चिदंबरम से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि रेटिंग गिरने का कोई गंभीर खतरा है।’’ चिदंबरम अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक की सालाना बैठक के अवसर पर अलग से एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अगले 24 महीनों में सुधारों के मोर्चे पर कई कदम उठाए जाएंगे।
एस एण्ड पी ने अपनी रिपोर्ट में बुधवार को कहा कि यदि भारत की रेटिंग घटने की तीन के मुकाबले एक की संभावना है। एजेंसी के अनुसार यदि आर्थिक वृद्धि की संभावनायें धूमिल होती हैं, बाहरी मोर्चे पर स्थिति कमजोर पड़ती है, निवेश माहौल बिगड़ता है और राजकोषीय सुधार धीमा रहता है तो रेटिंग घट सकती है।
चिदंबरम ने कहा, ‘‘हम उन्हें आश्वस्त करेंगे कि आर्थिक वृद्धि और वृद्धि की संभावनाओं के मामले में भारत की स्थिति ऐसी नहीं है कि उसकी रेटिंग कम की जाए, इस मामले में भारत दुनिया के कई देशों के मुकाबले काफी ऊपर है।’’