देश में इस वक्त नया निवेश लगभग नहीं के बराबर हो रहा है। एक सर्वेक्षण में जितनी कंपनियों से बात की गई, उनमें से करीब आधे ने कहा कि इस साल उनकी विशेष निवेश करने की योजना नहीं है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और लेखापरीक्षण कम्पनी प्राइस वाटरहाउसकूपर्स (पीडब्ल्यूसी) ने संयुक्त तौर पर किए गए एक सर्वेक्षण (इंडिया मैन्यूफैक्च रिंग बैरोमीटर) के मुताबिक सुस्त आर्थिक विकास और उत्पादन में गिरावट के कारण विनिर्माण कंपनियां फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं।
सर्वेक्षण में शामिल 73 फीसदी कंपनियों ने कहा कि वैश्विक आर्थिक स्थिति और घरेलू सुस्ती के कारण ग्राहकों की जरूरत और उम्मीदें बदल गई हैं।
42 फीसदी कंपनियां अपने उत्पादों में अतिरिक्त सुविधा देना चाहती हैं, जबकि 76 फीसदी कंपनियों ने कहा कि कीमत घटाने की कोशिश कर रही हैं।
पीडब्ल्यूसी इंडिया के औद्योगिक उत्पाद प्रमुख बिमल तन्ना ने रिपोर्ट में कहा, "सुस्त आर्थिक विकास के माहौल में कंपनियों द्वारा दिखाई जा रही सतर्कता आश्चर्यजनक नहीं है। लेकिन ऐसा लगता है कि कंपनियां इस अवधि का उपयोग सुधार करने और भविष्य के लिए तैयार होने में कर रही हैं।"