भारतीय रेल ने तकनीक का बेहतर प्रयोग कर ई-बुकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई. बाद में रेलवे में कुछ जरूरतमंदों का ख्याल रखते हुए तत्काल सेवा आरंभ की. इस सेवा का काफी लोग लाभ उठाने लगे. इसके बाद रेलवे ने भ्रष्टाचार की कई शिकायतों के बाद अपनी इस सेवा का ऑनलाइन किया. समय बीतने के साथ हालात यह हो गए कि कुछ गैंग ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग और तत्काल बुकिंग में भी सेंध लगा दी. और होने यह लगा कि जिन लोगों को तत्काल टिकट की जरूरत थी उन्हें यह नहीं मिलता था.
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रेलवे ने फिर अपनी बुकिंग प्रक्रिया में बदलाव किया. रेलवे अपना सिस्टम चुस्त दुरुस्त करने के लिए समय समय पर बदलाव करता रहा है. रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग स्कीम को यात्रियों की सहूलियत और बुकिंग काउंटरों से भीड़ को कम करने के लिए लॉन्च किया था. एजेंट्स और दलालों की चालों को नाकामयाब करने के लिए रेलवे ने यह किया था.
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वर्तमान में तत्काल टिकट बुकिंग का नियम क्या कहता है-