राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता एवं भारी उद्योग मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने योजना आयोग के गरीबी के आंकड़ों पर सवाल उठाया है। उन्होंने शहरों के लिए प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 33.33 रुपये और गांवों के लिए 27.20 रुपये के खर्च के बेंचमार्क के आधार पर गरीबी के आंकड़े को पूरी तरह गलत करार दिया।
यहां उद्योग के एक कार्यक्रम के मौके पर पटेल ने कहा, ‘‘योजना आयोग ने जो सीमा तय की है वह पूरी तरह गलत है। आज के समय में आयोग को महंगाई तथा जीवनयापन की ऊंची लागत के आधार पर नई सीमा तय करनी चाहिए। हम इन आंकड़ों से सहमत नहीं हैं।’’
योजना आयोग के आंकड़ों के अनुसार शहरों में 33.33 रुपये प्रतिदिन तथा गांवों में 27.20 रुपये प्रतिदिन खर्च करने वाला व्यक्ति गरीब नहीं है। इस आधार पर आयोग ने कहा है कि 2011-12 में देश में गरीबी का अनुपात घटकर 21.9 प्रतिशत पर आ गया, जो 2004-05 में 37.2 प्रतिशत था।
यह पूछे जाने पर कि क्या गरीब लोगों के लिए रोज 27 से 33 रुपये में जीवनयापन संभव है, पटेल ने कहा कि देश में प्रगति हुई है, लेकिन योजना आयोग का गरीबी का पैमाना सही नहीं है। पटेल ने कहा कि यह पैमाना नए सिरे से तय किया जाना चाहिए।