भारतीय रिजर्व बैंक के पास रुपये में उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए काफी साधन है और जरूरत होने पर केंद्रीय बैंक विदेशी विनिमय बाजार (फॉरेक्स) में हस्तक्षेप करेगा। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने यह बात कही।
रुपये में गिरावट पर लगाम के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में पूछे जाने पर अहलूवालिया ने कहा, ‘कार्रवाई करने का फैसला रिजर्व बैंक को करना है। उसके पास काफी ताकत है। उसे जब जरूरत लगेगी, वह इस मामले में हस्तक्षेप करेगा।’ रुपया डॉलर के मुकाबले गिरकर अपने सर्वकालिक निचले स्तर 59.93 प्रति डॉलर पर आ गया।
अहलूवालिया ने हालांकि इसे अस्थायी रुख बताया। उन्होंने कहा कि जो आप देख रहे हैं वह रुपये का बर्ताव नहीं है। ‘आप सभी उभरते देशों का वैश्विक अनिश्चितता के दौरान में व्यवहार देख रहे हैं। यह फेडरल रिजर्व के बयान की वजह से हुआ है।’