वित्त मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अग्रिम कर प्रवाह अवधि को छोड़कर, नकदी की स्थिति संतोषजनक रही है।
वित्त मंत्रालय की ऋण प्रबंधन रिपोर्ट के अनुसार, पहली तिमाही के दौरान सरकार की नकदी की स्थिति, राजस्व भुगतान के लिए धन की निकासी अवधि को छोड़कर, संतोषजनक रही और पूरी तिमाही में अधिशेष की स्थिति रही।
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान सकल और शुद्ध बाजार ऋण क्रमश: 6 लाख करोड़ और 4.61 लाख करोड़ रुपये पर पिछले साल की तुलना में 6.4 प्रतिशत और 1.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
वित्त वर्ष 2013-14 में सकल बाजार उधार 5.63 लाख करोड़ रुपये और शुद्ध उधार 4.53 लाख करोड़ रुपये रहा था।
विज्ञप्ति के अनुसार, वित्त वर्ष 2014-15 की पहली तिमाही में सरकार ने 1.98 लाख करोड़ रुपये की दिनांकित प्रतिभूतियां जारी कीं, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 1.51 लाख करोड़ रुपये थी।
इसमें कहा गया है कि 6 लाख करोड़ रुपये के लोक ऋण में सार्वजनिक खाते की देनदारियां शामिल नहीं हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि पहली तिमाही के दौरान केन्द्र सरकार की नकदी स्थिति संतोषजनक रही और यह कुछ मौकों को छोड़कर तिमाही के दौरान अधिशेष की स्थिति बनी रही।
सरकार के लोक ऋण में जून 2014 के अंत में आंतरिक ऋण का हिस्सा 91.4 प्रतिशत रहा है, जिसमें कि विपणन योग्य प्रतिभूतियां 83.4 प्रतिशत थी।