सख्त नियामक मानदंडों और मुश्किल कारोबारी माहौल के कारण जीवन बीमा कंपनियों ने पिछले साल एजेंटों की संख्या करीब दो लाख घटाई, जबकि उनके नियमित कर्मचारियों की संख्या में भी 1,600 की कमी आई।
जीवन बीमा कंपनियों ने अपनी शाखाओं की संख्या भी घटाई है। शाखाओं के विस्तार पर लागत के दबाव और मौजूदा गैर निष्पादक दफ्तरों को बंद किए जाने के कारण 2011 में जहां इनकी संख्या 11,100 थी, 2012 के आखिर तक इनकी संख्या घटकर 10,300 हो गई। भारत में जीवन बीमा बाजार में करीब दो दर्जन कंपनियां हैं।
इस क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा है और पिछले कुछ दिनों में इस क्षेत्र में उल्लेखनीय नियामकीय बदलाव हुए हैं। जीवन बीमा परिषद के पास उपलब्ध ताजा आंकड़ों के मुताबिक 31 दिसंबर, 2012 तक एजेंटों की संख्या घटकर 21.63 लाख हो गई, जो 2011 में 23.78 लाख थी। इस अवधि में जीवन बीमा कंपनियों के नियमित कर्मचारियों की संख्या 2,47,550 से घटकर 2,45,993 हो गई।