जमात-ए-इस्लामी हिंद (जेआईएच) ने आगामी आम बजट के लिए सरकार को सामाजिक क्षेत्र, ग्रामीण विकास एवं कृषि क्षेत्र को ब्याज मुक्त ऋण से जुड़े कुछ सुझाव दिए हैं, जिसमें सामाजिक विकास की योजनाओं के लिए आवंटन बढ़ाने की मांग की गई है। यहां जेआईएच के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की एक बैठक में आम बजट से जुड़े मुद्दों पर बातचीत की गई और 2016-17 के बजट के लिए चार सुझावों को बढ़ाने का एक प्रस्ताव किया।
जेआईएच के सचिव इंतजार नईम के मुताबिक, ये सुझाव सामाजिक क्षेत्रों, ग्रामीण विकास, संसाधन सृजन, ब्याज मुक्त रिण आदि पर आधारित हैं। संगठन ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से सामाजिक क्षेत्रों को अधिक आवंटन करने की मांग की। नईम ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य में निजी क्षेत्र की बढ़ती भूमिका से इन सेवाओं का खर्च तेजी से बढ़ रहा है, जिससे ये सेवाएं आम लोगों की पहुंच से बाहर हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि हमने जीडीपी का छह प्रतिशत शिक्षा पर और तीन प्रतिशत स्वास्थ्य पर आवंटित करने का सुझाव दिया है। कृषि ऋण की विडंबना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किसान आत्महत्याओं के बहुत से मामलों की कृषि कर्ज से जोड़ा जाता है। सरकारें वसूल न होने लायक कर्ज और उसपर ब्याज को माफ करती रही है। ऐसे में संगठन का सुझाव है कि किसानों की ब्याज मुक्त कर्ज एक समाधान हो सकता है।