उद्योग मंडल एसोचैम का अनुमान है कि वर्ष 2014 में देश में सूचना प्रौद्योगिकी, बैंकिंग तथा कृषि आधारित उद्योगों में नौकरियां के सबसे अधिक अवसर उत्पन्न होंगे।
एसोचैम की एक अध्ययन रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार और रुपये की नरमी से आईटी एवं आईटी सेवा निर्यातकों के लिए नया साल बेहतर होगा। इसी तरह, रबी फसल की संभावना कृषि पर आधारित ट्रैक्टर, खाद-बीज और कृषि औजार जैसे उद्योगों में मांग और रोजगार को समर्थन देगी।
रिपोर्ट के अनुसार आर्थिक वृद्धि सुधरने से बैंकों के अवरद्ध ऋणों की समस्या कम होगी तथा सरकारी बैंकों में खाली पदों की भर्ती तेज होगी। रिपोर्ट के अनुसार, अर्थव्यवस्था में इस समय जो स्थिति है, उसमें ज्यादातार क्षेत्रों में कुल मिलाकर रोजगार के अवसर घट रहे हैं और उनमें बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की संभावना नजर नहीं आती, पर ऐसी परिस्थितियों में भी ये क्षेत्र (आईटी, बैंकिंग और कृषि आधारित क्षेत्र) रोजगार सृजन के मामले में अलग दिखेंगे।
एसोचैम की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार की मदद से भारत के सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 2014 में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। अमेरिकी अवर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षण दिख रहे हैं और इसीलिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 85 अरब डॉलर के मासिक बांड खरीद कार्यक्रम में कमी का निर्णय किया है।
भारत का आईटी क्षेत्र सालाना 75 अरब डॉलर के उत्पाद एवं सेवाओं का निर्यात कर रहा है और इसमें से 60 प्रतिशत निर्यात अमेरिकी बाजार पर निर्भर है। इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में गिरावट से भी आईटी निर्यातकों को लाभ मिल सकता है। ऐसे में बड़ी आईटी फर्में 2014 में कैंपस से भर्तियां करने में सक्रिय रहेंगी।
एसोचैम के अध्यक्ष राणा कपूर ने कहा कि ग्रामीण भारत में बड़ी संख्या में लोग कृषि और सेवा क्षेत्र पर निर्भर करते हैं और इस क्षेत्र में कुछ ऐसे परंपरागत क्षेत्र हैं, जो औद्योगिक क्षेत्र की हालत ठीक न होने पर कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था को संभालने के काम आ सकते हैं। एसोचैम के इस अध्ययन के अनुसार कृषि क्षेत्र में 2013 में मजबूत वृद्धि दिखी और यह 2014 में भी जारी रह सकती है, क्योंकि रबी फसल की संभावना अच्छी है। यह ट्रैक्टर और फार्म व सिंचाई उपकरण, बीज और उर्वरक कंपनियों के लिए अनुकूल है, जो कृषि क्षेत्र से जुड़ी हैं।
इस उद्योग मंडल के अनुसार नए साल में रोजमर्रा के उपभोक्ता सामान व मोटरसाइकिल बाजार में भी रोजगार बढ़ने की उम्मीद है। एसोचैम ने कहा है कि बैंकिंग क्षेत्र के लिए 2013 बड़ा चुनौतीपूर्ण रहा और अवरूद्ध ऋणों का आकार बढ़ता गया, पर 2014 में अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ अवरूद्ध ऋणों की समस्या कम होने की उम्मीद है। इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में बड़ी संख्या में रिक्त पदों को भरने की भी जरूरत है।
रिपोर्ट के अनुसार पंजाब, हरियाणा, गुजरात और बिहार तथा कई अन्य राज्य निवेश बढ़ाने के प्रयास में लगे हैं और वे बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना चाहते हैं। ऐसे में बिजली उत्पादक कंपनियां निजी और सरकारी क्षेत्र की कंपनियों और भेल तथा एलएंडटी जैसे उपकरण विनिर्माताओं के लिए अवसर बढ़ने की उम्मीद है।