ADVERTISEMENT

भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि की रफ्तार रहेगी कायम, 2022-23 में सात प्रतिशत रहने का अनुमान: निर्मला सीतारमण

आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के 2022-23 में सात प्रतिशत की दर से वृद्धि करने का अनुमान है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी04:27 PM IST, 15 Apr 2023NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक के 2023 में भारत के सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था होने के अनुमानों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार कायम रहेगी. वर्ष 2022-23 में इसकी वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने की संभावना है. उन्होंने शुक्रवार को आईएमएफ (IMF) मुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक एवं वित्तीय समिति की पूर्ण बैठक में यह बात कही है. सीतारमण ने बैठक में भाग लेते हुए कहा कि संरचनात्मक सुधारों पर सरकार के ध्यान के साथ-साथ एक अनुकूल घरेलू नीति परिवेश ने भारत में घरेलू आर्थिक गतिविधियों को मजबूत बनाए रखा है.

उन्होंने कहा कि आईएमएफ (IMF) और विश्व बैंक (World Bank), दोनों ने भारत के 2023 में सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था होने का अनुमान लगाया है. भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की गति कायम रहेगी और आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार, इसके 2022-23 में सात प्रतिशत की दर से वृद्धि करने का अनुमान है.

वित्त मंत्रालय ने कई ट्वीट कर इस बैठक में  निर्मला सीतारमण के संबोधन के बारे में जानकारी दी. इसके मुताबिक, सीतारमण ने महामारी से मिले इस सबक पर रोशनी डाली कि डिजिटलीकरण, खासकर डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक उत्प्रेरक रहा है और भारत के डीपीआई  (Digital Public Infrastructure) ने किस तरह से पहुंच में क्रांति ला दी है और एक जीवंत उद्यमशील पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया है.

सीतारमण ने वैश्विक सरकारी कर्ज गोलमेज सम्मेलन (जीएसडीआर) का उल्लेख करते हुए कहा कि इसने अन्य कमजोर देशों के लिए बहु-हितधारक सहयोग के साथ रचनात्मक तरीके से आगे बढ़ने का प्रदर्शन किया है. इसके साथ ही श्रीलंका और सूरीनाम के लिए समाधान प्रदान करने वाली टीम का हिस्सा बनकर भारत खुश है.

सीतारमण ने वैश्विक चुनौतियों को कम करने के लिए हितधारकों के साथ मिलकर समाधान तलाशने की प्रतिबद्धता दोहराई. ये चुनौतियां सबसे गरीब और कमजोर देशों को असमान रूप से नुकसान पहुंचाती हैं. उन्होंने सभी जी-20 सदस्यों से बहुपक्षीय प्रयासों का समर्थन जारी रखने का आग्रह किया और वैश्विक विखंडन की चुनौती से लड़ने के लिए सकारात्मक संवाद में संलग्नता पर जोर दिया.

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT