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मोदी की स्विटजरलैंड यात्रा : भारत ने काले धन के मामले में स्विस सरकार से मदद मांगी

जेनेवा में स्विस राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने काले पैसे और टैक्स चोरी से साझा लड़ाई पर सहमति जताई है। इस बीच काले पैसे पर आई ताजा रिपोर्ट बताती है कि भारत की जीडीपी में तीस लाख करोड़ से ऊपर की रकम काले पैसे की है।
NDTV Profit हिंदीReported by Himanshu Shekhar Mishra, Edited by Suryakant Pathak
NDTV Profit हिंदी09:23 PM IST, 06 Jun 2016NDTV Profit हिंदी
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भारत सरकार ने ब्लैक मनी के खिलाफ मुहिम में स्विस सरकार से फिर मदद मांगी है। जेनेवा में स्विस राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने काले पैसे और टैक्स चोरी से साझा लड़ाई पर सहमति जताई है। इस बीच काले पैसे पर आई ताजा रिपोर्ट बताती है कि भारत की जीडीपी में तीस लाख करोड़ से ऊपर की रकम काले पैसे की है।

जल्द हो सकता है सूचनाएं साझा करने का समझौता
काले पैसे पर ज़्यादा से ज़्यादा सूचना फौरन साझा करने को लेकर भारत और स्विट्जरलैंड में जल्द ही कोई समझौता हो सकता है। दोनों देशों में इसको लेकर बातचीत शुरू होने वाली है। स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री ने जेनेवा में कहा कि काले पैसे से लड़ना दोनों देशों की साझा प्राथमिकता है।

काले धन की समस्या से निपटना दोनों देशों की प्राथमिकता
नरेन्द्र मोदी ने कहा, "काले पैसे की समस्या और टैक्स की चोरी से सख्ती से निपटना दोनों देशों की प्राथमिकता है। हमने टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ ज़रूरी कार्रवाई के लिए जानकारी के शीघ्र आदान-प्रदान के बारे पर चर्चा की।" जबकि स्विस राष्ट्रपति जोहान श्नीडर अम्मान ने कहा,  "भारत और स्विटज़रलैंड ने टैक्स चोरी और टैक्स फ्रॉड से जुड़े मामलों से लड़ने की दिशा में अच्छी प्रगति की है।"

देश की जीडीपी में 30 लाख करोड़ से अधिक काला धन
इस मुलाकात से ठीक पहले ब्लैक मनी पर जारी एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारत की जीडीपी में ब्लैक मनी का हिस्सा करीब 30 लाख करोड़ का है। ऐंबिट कैपिटल की इस रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में भारत की जीडीपी 2.3 ट्रिलियन यूएस डॉलर रहने वाली है। हमारी रिसर्च के मुताबिक ब्लैक मनी 460 बिलियन यूएस डॉलर है। यानी 30 लाख करोड़ के करीब है, जो थाईलैंड और अर्जेन्टीना की जीडीपी से ज़्यादा है।

समस्या सुलझाने में लगेगा लंबा वक्त
सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने सबसे पहला अहम फैसला ब्लैक मनी के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने के लिए एसआईटी के गठन का किया था। पिछले दो साल में सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए कई स्तर पर पहल की...लेकिन ऐंबिट कैपिटल की यह रिपोर्ट बताती है कि समस्या बड़ी है और इससे निपटने के लिए सरकार को लंबे समय तक गंभीरता से पहल करना होगी।

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