केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने रविवार को चेतावनी दी कि अव्यावहारिक मांगों से महाराष्ट्र में चीनी उद्योग को नुकसान पहुंचेगा और इस क्षेत्र की भी वैसी ही हालत हो सकती है जैसी मुंबई में निष्क्रिय पड़े कपड़ा उद्योग की हुई।
पवार ने कहा, 'मांग उठाने में कुछ गलत नहीं है, लेकिन ऐसा कदम उठाना गलत है जिससे उद्योग को नुकसान पहुंचे। उग्र नेतृत्व ने मुंबई में कपड़ा उद्योग को समाप्त कर दिया। अब अगर महाराष्ट्र में चीनी उद्योग में भी ऐसा हो रहा है तो हमें सावधान रहना चाहिए।'
शिवसेना-भाजपा गठबंधन में हाल ही में शामिल हुए स्वाभिमानी शेतकारी संगठन ने कुछ दिन पहले गन्ने का खरीद मूल्य बढ़ाने के लिए आंदोलन छेड़ा था।
पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में चीनी उद्योग कठिनाइयों का सामना कर रहा है और आंदोलनों के चलते उत्पादकों को नुकसान हो रहा है।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'अलग केंद्रीय कृषि बजट बनाने का विचार व्यावहारिक नहीं है।' महाराष्ट्र में टोल प्लाजाओं के खिलाफ आंदोलन के सवाल पर राकांपा अध्यक्ष ने कहा, 'टोल के मुद्दे पर संतुलित रख अपनाना चाहिए। अगर सरकार टोल मुक्त राज्य चाहती है तो फैसला लिया जा सकता है, लेकिन प्रदेश की आर्थिक हालत मजबूत होनी चाहिए। इस स्तर पर अच्छी सड़कों जैसी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने में टोल व्यवस्था मददगार होगी।'
देश में स्थिर सरकार की जरूरत पर जोर देते हुए पवार ने कहा कि केवल कांग्रेस-राकांपा और उनके सहयोगी दल ही स्थिर सरकार दे सकते हैं।