प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून लागू होने से घरेलू मांग, कारोबार बढ़ेगा तथा रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. उन्होंने कहा कि अब तक घरेलू बाजार खंडित रहा है और विभिन्न राज्यों में अलग-अलग टैक्स की दर होने की वजह से वस्तु एवं सेवाएं महंगी होती हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा, 'इस व्यवस्था में अंतर-राज्य कारोबार की वृद्धि प्रभावित हुई है. हम एक समन्वित राष्ट्रीय बाजार तैयार करने के लिए वस्तु एवं सेवा कर कानून लागू करने जा रहे हैं. इससे घरेलू मांग में तेजी आएगी, घरेलू कारोबार भी बढ़ेगा तथा रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.' उन्होंने कहा कि भारत तीव्र वृद्धि हासिल करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था है और एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) के लिए अधिक आकर्षक गंतव्य है.
पीएम मोदी ने कहा, 'वास्तव में हम वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक आकर्षक स्थल के रूप में उभरे हैं. यह भारत के मजबूत बुनियादी ताकतों- लोकतंत्र, जनसंख्या संबंधी लाभ एवं मांग का नतीजा है. हमें इन शक्तियों को पूरी तरह उपयोग करने की जरूरत है. यह तभी हो सकता है, जब कंपनियां दीर्घकालीन निवेश करे, जिससे रोजगार सृजित हो और आर्थिक वृद्धि टिकाऊ हो.'
मध्यस्थता पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में डिजिटल क्रांति महसूस होने लगी है, जो देश में खासकर ग्रामीण समाज में डिजिटल और आर्थिक विभाजन को पाट रही है.
उन्होंने कहा, 'इस क्रांति से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी.' पीएम मोदी ने कहा कि अनूठे व्यापार मॉडल और एप आधारित स्टार्ट-अप से भारतीयों में उद्यमिता की भावना बढ़ी है. उन्होंने कहा कि कल तक रोजगार तलाशने वाले आज रोजगार सृजन करने वाले बन गए हैं.
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