भारत सरकार ने हाल में हुए पॉवर ब्लैक आउट पर मूडीज़ की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। मूडीज़ ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में दावा किया था कि पॉवर ब्लैकआउट खतरे की घंटी है और भविष्य में इसके गंभीर परिणाम होंगे।
एनडीटीवी से बात करते हुए ऊर्जा मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा, 'मुझे पता नहीं है कि मूडीज़ ने किस आधार पर यह आकलन किया है। मुझे नहीं लगता कि यह आकलन किसी महत्वपूर्ण सबूत के आधार पर लिया गया है।'
मोइली ने दावा किया कि ग्रिड फेल होने के पीछे सबसे बड़ी वजह नार्दन ग्रिड और वेस्टर्न ग्रिड को जोड़ने वाली लाइनों पर बिजली सप्लाई का बोझ बढ़ना रहा और मूडीज़ किसी एक घटना को आधार बनाकर पूरे पॉवर सेक्टर पर इस तरह सवाल नहीं खड़ा कर सकता।
हालांकि, उन्होंने माना कि थर्मल पॉवर स्टेशनों में कोयले के संकट को दूर करना एक चुनौती है जिससे निपटने की कोशिश की जा रही है।
मोइली ने मौजूदा वित्तीय साल में आर्थिक विकास दर घटाकर 5.5 करने के मूडीज़ के फैसले पर भी सधी हुई प्रतिक्रिया दी।
मोइली ने कहा, 'हम 2008 में मंदी के असर से अच्छी तरह निपटे, इस बार भी हम रिकवर करेंगे। इस बार मॉनसून कमज़ोर है। इस साल गार से जुड़े प्रस्तावों की वजह से सेन्टीमेंट पर असर पड़ा है। इस मसले को प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री देख रहे हैं।