ADVERTISEMENT

होम लोन लेने की सोच रहे हैं तो आरबीआई के ये कदम आपके चेहरे पर ला देंगे मुस्कान

बुधवार को जब आरबीआई ने मौद्रिक नीति की समीक्षा पेश की, उसने उस वक्त रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया यानी दरें पहले की तरह ही समान रखीं लेकिन आरबीआई ने होम लोन पर स्टैंडर्ड एसेट प्रोविजन कम किए और साथ ही रिस्क वेटेड प्रोविजन (जोखिम भारांश) घटा दिया.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी10:25 AM IST, 08 Jun 2017NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

यदि आप होम लोन लेने का मन बना रहे थे और कल ब्याज दरों में सीधे कोई बदलाव न किए जाने से आपको यह संकेत मिला है कि होम लोन की दरें सस्ती नहीं होंगी तो यह खबर पढ़िए. बुधवार को जब आरबीआई ने मौद्रिक नीति की समीक्षा पेश की, उसने उस वक्त रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया यानी दरें पहले की तरह ही समान रखीं लेकिन आरबीआई ने होम लोन पर स्टैंडर्ड एसेट प्रोविजन कम किए और साथ ही रिस्क वेटेड प्रोविजन (जोखिम भारांश) घटा दिया. 

केंद्रीय बैंक ने व्यक्तिगत आवास कर्ज पर मानक संपत्ति प्रावधान घटाकर 0.25 प्रतिशत कर दिया और साथ ही ऐसे कर्ज पर जोखिम भारांश को भी कम किया जिससे होम लोन सस्ता होने का रास्ता खुला है. नए फैसले के मुताबिक, 75 लाख रुपये से अधिक के होम लोन के लिये रिस्क वेटेज 75 प्रतिशत से घटाकर 50 प्रतिशत किया गया है. साथ ही 30 लाख रुपये से 75 लाख रुपये के बीच के कर्ज के लिये 35 प्रतिशत रिस्क वेटेज के साथ 80 प्रतिशत एकल एलटीवी अनुपात स्लैब पेश किया गया है. एलटीवी रेशिय़ो का आशय कर्ज का खरीदी गयी संपत्ति के मूल्य के अनुपात से है.

बैंकरों ने आरबीआई के इस कदम का स्वागत किया है. वहीं एसबीआई की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्च ने कहा- 30 लाख रुपये से अधिक के होम लोन पर रिस्क वेटेज घटा देने के फैसले से बैंकिंग इंडस्ट्री के लिए पूंजी पर्याप्तता होगी जोकि एक सकारात्मक कदम है. 

रिजर्व बैंक ने कहा- उतार-चढ़ाव से निपटने के लिये व्यक्तिगत आवास कर्ज के मामले में कर्ज-मूल्य अनुपात (एलटीवी), जोखिम भारांश तथा मानक संपत्ति  प्रावधान दर की समीक्षा की गयी है. मानक संपत्ति प्रावधान या प्रत्येक कर्ज के एवज में अलग रखी जाने वाली राशि को 0.40 प्रतिशत से घटाकर 0.25 प्रतिशत किया गया है. इससे आवास कर्ज पर ब्याज दर में कमी लाने में मदद मिलेगी. (एनडीटीवी प्रॉफिट डॉट कॉम और न्यूज एजेंसी भाषा से भी इनपुट)

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT