बजाज ऑटो के चेयरमैन राहुल बजाज का कहना है कि भारत की 7.1 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर उतनी उत्साहजनक नहीं है, जितनी यह दिखती है, भले यह सभी विकसित देशों की तुलना में बेहतर ही क्यों न हो.
उन्होंने कहा कि पिछले 4-5 सालों में उल्लेखनीय निवेश की कमी, बैंकों की कर्ज वसूली की समस्या के चलते ऋण आवंटन में दिक्कतें हैं और निजी क्षेत्र नई पूंजी नहीं लगा पा रहा है. इसमें नोटबंदी भी आ गई. मुख्यत: ये सब बातें मिलकर वृद्धि में गिरावट पैदा कर रही हैं.
राहुल बजाज ने कंपनी की 2016-17 की वार्षिक रिपोर्ट पेश किए जाने के दौरान शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा, 'मैंने वित्त वर्ष 2016-17 में भारत की वृद्धि के बारे में उत्साहजनक खबरें ढूंढने को सोचा. लेकिन जब मैंने नवीनतम सबूतों पर गौर किया तो यह उत्साहजनक नहीं जान पड़ा जैसा कि मेरा इसके बारे में विश्वास था.' उन्होंने कहा कि अपने नवीनतम अग्रिम अनुमान में केंद्रीय सांख्यिकी संगठन ने पिछले वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया.
बजाज ने कहा, 'कोई शक नहीं है कि यह सभी विकसित देशों तथा चीन समेत तेजी से उभर रहे बाजारों से अच्छा है, लेकिन यह उतना अच्छा नहीं है, जितना कि 2015-16 की 7.9 प्रतिशत वृद्धि दर थी.' उन्होंने कहा कि देश ने विकास किया है, लेकिन हमें 7.5 फीसदी और 8 फीसदी के बीच की वार्षिक वृद्धि दर हासिल करने के लिए लंबा सफर तय करना होगा.'
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