सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कहा है कि वह बिना गारंटी वाले सभी अल्पकालिक ऋणों को जनवरी तक समाप्त कर दें। सरकार का कहना है कि इस तरह के उधार से बैंकों के कामकाज पर दबाव बढ़ रहा है।
वित्त मंत्रालय ने इस बारे में सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक प्रमुखों को परिपत्र भेजा है। इसमें कहा गया है, इस तरह के सभी ऋण अगले छह माह में समाप्त कर दिए जाएं या उनके बदले रेहन सुरक्षा ली जाए। इसके अलावा सार्वजनिक बैंकों से बिना उचित गारंटी के अल्पकालिक ऋण देने के लिए नीति बनाने को कहा गया है। भविष्य में बैंकों को बिना रेहन ऋण देते समय बोर्ड की मंजूरी लेनी होगी।
मंत्रालय का कहना है कि अगर इस तरह का कोई ऋण गैर निष्पादित आस्ति (एनपीए) बन जाता है तो मामले का ब्यौरा उसे देना होगा। ये निर्देश उन ऋणों पर लागू होंगे जो बिना किसी सुरक्षा या रेहन के दिए जा रहे हैं और जो अल्पकालिक हैं।